Book Title: Anekant 2002 Book 55 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 3
________________ | वीर सेवा मंदिर अनेकान्त | का त्रैमासिक अनकान्त प्रवर्तक : आ. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' इस अंक में - कहाँ/क्या? 1 श्री महावीर स्तवन | 2 क्या शुभ भाव जैन धर्म नही? आचार्य प जुगलकिशार मुग्तार 3 भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर एक वास्तविक तथ्य - आर्यिका चन्दनामती 4 प श्री हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री एव उनकी साहित्य सपर्या अरुण कुमार जैन वर्ष-55, किरण-1 जनवरी-मार्च 2002 सम्पादक : डॉ. जयकुमार जैन 261/3, पटेल नगर मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) फोन : (0131) 603730 परामर्शदाता : पं. पदमचन्द्र शास्त्री सस्था की आजीवन सदस्यता 1100/-- वार्षिक शुल्क 30/इस अक का मूल्य 10/सदस्यो व मंदिरो के लिए नि:शुल्क 12 5 भगवान ऋषभदेव एव श्रमण परपग महत्त्वपूर्ण गणितीय एव ऐतिहामिक पक्ष - डॉ अभय प्रकाश जैन 35 | 43 अहिमा की व्यावहारिकता - डा श्रयाम कुमार जैन 7 जैन आचार दर्शन आर्थिक व्यवस्था के सन्दर्भ में - डॉ जिनेन्द्र जैन ४ जैन विद्वत्ता • हास या विकास डॉ नन्दलाल जैन प्रकाशक : 51 || भारतभूषण जैन, एडवोकट. मुद्रक : 61 | मास्टर प्रिन्टर्स-110032 विशेष सूचना : विद्वान् लेखक अपने विचारों क लिए स्वतन्त्र हैं। यह आवश्यक नहीं कि सम्पादक उनके विचारों से सहमत हो। इसमें प्राय: विज्ञापन एवं समाचार नहीं लिए जाते। वीर सेवा मंदिर 21, दरियागंज, नई दिल्ली -110002, दूरभाष : 3250522 संस्था को दी गई सहायता राशि पर धारा 80-जी के अंतर्गत आयकर मे छूट | (रजि. आर 10591/62)

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