Book Title: Anekant 1956 Book 14 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 6
________________ वार्षिक मूल्य ६ ) :::::::::::::::.83⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀ विश्व तत्त्व-प्रकाशक वर्ष १४ किरण, १ } म न का नीतिविरोधध्वंसी लोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् । परमागमस्य बीजं भुवनेकगुरुर्जयत्यनेकान्त ॥ वस्तुतत्त्व- संद्योतक वीरसेामन्दिर, २१, दरियागंज, देहली श्रावण शुक्ला वीरनिर्वाण-संवत २४८३, विक्रम संवत २०१३ { अगम्न, १६५६ श्रीवर्धमान जिन स्तुति श्रियः पतिः श्रीवर मंगलालये सुखं निपराणो हरिविष्टरेऽनिशम् । निषेव्यते योऽखिललोकनायकः स मंगलं नोऽस्तु परंपरो जिनः || १ || सिद्धार्थसिद्धिकर शुद्ध समृद्ध बुद्ध, मध्यस्थ सुस्थिर शिवस्थित सुव्यवस्थ । वाग्मिन्नुदार भगवन् सुगृहीतनामनानन्दरूप पुरुषोत्तम मां पुनीहि ॥ २ ॥ देवाधिदेव परमेश्वर वीतराग सर्वज्ञ तीर्थकर सिद्ध महानुभाव । त्रैलोक्यनाथ जिनपुंगव व मान स्वामिन् गतोऽस्मि शरणं चरणद्वयं ते ||३| कल्पद्रुमामृत रसायन कामधेनो चिन्तामणे गुणसमुद्र मुनीन्द्रचन्द्र । सिद्धौषधे सुखनिधे सुविधे विधेया धीस्ते स्तुतौ मम यथाऽस्ति तथा विधेया ||४|| टपर्यन्त सुखप्रदायिनें विमूढ - सच्च प्रतिबोध - हेतवे । जन्मने जन्मनिबन्धनच्छिदे निरावृत्तिज्ञानमयाय ते नमः ॥५॥ चतुर्णिकायामरवंदिताय घातिक्षयात्राप्तचतुष्टयाय । कुतीर्थतर्काजितशासनाय देवाधिदेवाय नमोजिनाय || = || एक किरण का मूल्य 11) ( अजमेर बदामन्दिर शास्त्र भण्डार के एक प्राचीन गुटके से) ::::::*:22:54::::⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀⠀331: 928228: 686258465 868

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