Book Title: Anantki Anugunj
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 37
________________ और अब ....? अब उसकी शेष हस्ती की भी हत्या करने, वह जा रही है - .:: - उस नये पागल के शब्दों के द्वारा ! वह झूठी आत्मा सोचती होगी कि उसको स्वयं को इस से शांति मिलेगी, चैन की नींद वह सो सकेगी, लेकिन नहीं - वह गलत समझ रही है कि, गांधी की हस्ती प्रधानों की कुर्सियों में है, या खद्दर की सफेद टोपियों में है, या फाइलों - दफ्तरों - किताबों में है, कि जिससे उसका जला डालना पर्याप्त हो जाये, आसान हो जाये । मगर नहीं - . . गांधी की हस्ती वहां नहीं, गांधी की हस्ती तो वहां है - अमत की अनुज

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