Book Title: Anantki Anugunj
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 45
________________ बातें अनकहीं लिखी चिट्ठी चाचा के नाम, करने को जब था नहीं काम । लिखी चिट्ठी... चलती गाड़ी, लम्बा सफर, लिखना चला था चारों प्रहर, रुकती गाड़ी थी ठहर ठहर, पर रुके तनिक न अपने राम ! लिखी चिठी.... गाड़ी के संग कथा चली, ___लिखते सारी जली - मली: पर खिल न सकी वह व्यथा-कली, तीसरे दिन जो आया मुकाम ! लिखी चिट्ठी .. व्यथा - कथा नहीं पूरी हुई, रहते साथ भी दूरी हुई; चिंता चरम एक जी को छुई : 'रख सकेंगे क्या वे दिल को थाम?' लिखी चिठ्ठी.. * चाचाजी : स्व. गुरुदयाल मल्लिकजी : गुरुदेव व गांधीजी के सहयोगी । अनंत को अनुगून

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