Book Title: Anantki Anugunj
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Vardhaman Bharati International Foundation

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Page 54
________________ 'अनंत की अनुगूंज' : पारखों की दृष्टि में किताब में आपके भीतर बैठे नाना भावों, अनुभूतियों, अनभवों, व्यक्तियों के लिए आंतरिक ध्वनि की प्रतिध्वनि सहज, सरल, संतों की अटपटी बानी में है / डा. शिवनाथ अध्यापक, विश्वभारती, हिन्दी भवन, शांतिनिकेतन पुस्तिका में जो रचनायें हैं वे शीर्षक के अनुरूप हैं। मानवमात्र के हृदय को अनुगूंज स्पर्श करेगी। डा. रामसिंह तोमर संपादक, 'विश्वभारती' पत्रिका, शांतिनिकेतन 'अनंत की अनुगूंज' की प्रत्येक रचना क्या है मधुर संगीत की अविरल धारा है। इस सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें / डा. हिरण्मय इन्चार्ज, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग, बेंगलोर विश्वविद्यालय आप की गीत कविता पुस्तक की सफलता के लिए मैं अपनी शुभकामनायें भेजता हूँ / मोहनलाल सुखाडिया राज्यपाल, मैसूर राज्य, बेंगलोर अनेक अमूर्त भावों को अभिव्यक्ति देनेवाले आपके काव्य बहुत ही पसन्द आये। मुद्रण, टाइप ध्यान आकृष्ट कर सकें वैसे सरस हैं / माथालाल दवे गुजराती कवि, साधनापथ, भावनगर आपकी भेजी हुई पुस्तक मिली, देखी, पुस्तक बहुत अच्छी है, धन्यवाद, आशीष / आचार्य श्री रजनीश VARDHA MEDITA

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