Book Title: Akhyanakmanikosha
Author(s): Nemichandrasuri, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 471
________________ प्रथमं परिशिष्टम् नाम सेदुअ * ., सेदुव+क सेयणय सेयविया किम् ? पत्रम् [ब्राह्मणः] ११६ ११३ , ११३,१२० [हस्ती] २३,३२,२३२ [नगरी] १०४,१०७,३२६ हरि सुंब माम किम् ! पत्रम् सुहम्म। [देवलोकः] २०,५६,७०,७६, सोहम्म ७७,८६,११८-१९, १५२,२०९, २३९ ४०,२८३,३२९ सुन्दरपाणि [राजा] २४६,२५१,२५४ सुन्दरी [निग्रन्थिनी] [अन्तःपुरमहत्तरा] [राज्ञी] २५,३८ [राजकुमारः] सुंसमा [श्रेष्टिपुत्री] सूमिका [कर्षकपुत्रवधूः] सरदेव [स्थपतिः] सरियकंत [राजपुत्रः] सुरियकता। [राज्ञी] ३२६,३२८-२९ रविता ॥ सुरियाभ [देवः] [विमानम् ] सूर्यकान्ता। [राज्ञी] ३२६,३२९ रविकान्ता सेज्जभव [ब्राह्मणो निर्ग्रन्थ स्थविरश्च] ९७-९९ mom २०३ ४३ ३२६ ३२९ सेयंस [तीर्थकरः] ३२३ सोदास (विद्याधरः] सोदास ।[राजा] १८४-८६ नराअ-द सोपारय [नगरम् ] २०३,२६१ सोम [ब्राह्मणः] सोमचंद [राजा] सोमदत्त [ब्राह्मणः] सोमदेव १,७६,१३५ सोमपह ,१३५-३६,१३८,११० १३० सोमप्रभ १३०,१३५,१४० सोमभूइ १३ सोमसम्म ३५३-५४ सोमा . [पुरोहितपत्नी] ३.५ सोरट्ट [देशः] १५५,२६८ सोरियपुर [नगरम् ] ७०,३१३ सोहम्म। [देवलोकः] २०,५६,७०,७६, सुहम्म) ७७, ८६, ११८-१९, १५२,२०९,२३९-४०, २८३,३२९ . सौधर्म नाम किम् ! पत्रम् हस्थितावसासम [आश्रमः] १.३ हनूमत् [वानरवंशीयः] ५८ [कृष्ण-वासुदेवः] ७३-७६, ७९,८०,१२१,१२३, २६८,३५१ १२१ हरिकेशि-केश [मातङ्गपुत्रो निग्रन्थ-मुनिध] २७०-७१ हरिकेसबल २७१ हरिकेसा [मातङ्गजातिः] २७१ *हरिकेसि [मातापुत्रो, निम्रन्थ-मुनिश्च] २७० हरिवंश [जैनशास्त्रम् ] ७१,८०,३२१ [राजवंशः] ३१९-२० हरिसउर [नगरम् ] २०१,२९३-९४ हरिसीह [श्रेष्टिपुत्रमित्रम्] २११ हरिसेण [राजा] २४८-५०,२५४ हलहर [राजपुत्रो बलदेवः] ७४,७६,८० __, ३१६,३१८,३२० हलाउह [राजपुत्रः] ३३३ [द्वीपः] हारप्पहा [सार्थवाहपुत्री] १९७-१९ हिमवंत [पर्वतः] हिरभरोम [तापसः] २११ हिरिमंत [पर्वतः] २११ हुयवहजाल [नगरम् ] हुंडिय [राजा-गुप्तनलराजा] ५४ हेमकूड [धातुवादी] १३८ हेमरह [राजा] २४६,२५१,२५८ हेमवभ [क्षेत्रम् ] हंस सेडवक [ब्राह्मणः] सेणग-'य [अमात्यपुत्रः तापसश्च] ३३१-३२ *सेणिय [राजा] सेणिय , ९-१४,१६.२०,२४, ३१,३२,३५,९६, ९९, १०३,११४-१५,११८, १२७-२९, १६५-६६. २२९-३०,२३९,२४३, २६४-६५,३३२-३४, ३६०-६२ ३१८ हन्थिकप्पपुर [नगरम्] हत्थिणउर-णाउर- ७६,४७,१०९, १६८-६९,२२१,१६५ पुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504