Book Title: Akhyanakmanikosha
Author(s): Nemichandrasuri, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 477
________________ ३९० जयसेणा जया जराकुमार जसवई जंबबई जानकी जाला जियसत्तु जुगबाहु अमरसिंह ढण्ढणकुमार ढढणकुमर गंद तारापीक ताराबीढ तिलयसुंदरी तिविकम तिसला तिहुयणतिलया तिहुयणाणंद त्रिभुवनतिलका दढधम्म दधिवाहन दवदंती दहिवल दहित्राहन दंतवक दीपशिख दीवयसिह दीद दुज्जोहण दुप्पसह दुवय देइणी देवई देवगुप्त देवसेण दोण दोणमेह दोयई द्रोण Jain Education International धणसेण धयरटु धारिणी धुन्धुमार नन्दिवर्धन नमि नरवियम नरविक्रम नरसीह अ- द नल नहसेण मंद नंदिसेण नागदत्त नारायण निसढ पउम पउमकेसर पउमनाह पउमरह पठमसेदर पउमावई पउमुत्तर एसि पज्जुन्न पज्जोय पद्म पद्मोत्तर पल्हाअ - य पसेणइ+य पसन्नचंद पंडु पंडुसेण पियदसण पियदसणा पियमई पुक्ल पुन्नकलस पुष्फचूल पुष्पदंती पुरिसोत्तम पुंडरीय प्रदेशि प्रद्युम्न प्रसन्नचंद्र बउलमई बंभ बालचंद बाहुबली बिंदुसार देशभ भद्दा भदुलभ भरत भाणु भिमसार भीमरह भुवनश्री मेसई मइसागर मणिचूड मणिप्पह मणिरह द्वितीयं परिशिष्टम् मणोरमा मनोहर मधु मम्मण मयणरेहा मयणसेणा मयरद्धअ मद्दब्बल मह महु मंगला सिंगाप मुणिचंद मूल्य मृगावती- पती मेप+कुमार मेह+कुमार रसुंदरी रयणचूड रयणमंजरी रयणमाला रयणरह रयणसार रयणसेहर रविकता रविकान्ता राजहंस राम (कृष्णभ्राता) राम+एव चन्द्रदेव ( दाशरथी ) रायमई रायहंस विपन्न रुक्मिणी रुपिणी रुप्पी रोहिणी लक्खण लच्छिहर लक्षण लक्ष्मण लच्छी लीलावई वक्कलचीरी यजकर्ण वज्रजङ्घ वनमाला वम्मा वराहग्गीव वल्लहराय वसुदेव वसुमई वासवदत्ता वासुदेव विसरण विउसाणंदण विक्रमसेग विद्यमा विजय विजयधम्म For Private & Personal Use Only विजय सेहर वि+कुमार भिमनई बिलासपई विशल्या विष्णुकुमार विसल्ला विस्ससेण बीससेण विहल वीरमई-ती वीरसेण बीरंगम वृषभध्वज হাজ্ব शतानिक शौरि श्रेणिक सउरी सच्चभामा सच्चा सप्तच्छद समर केउ समुह विजय सम्प्रति सयाणिय-णीय सरबसिरी ससिसेहर सहदेवी संख संगय संपइ संब सागरचन्द्र सागर चंद सिद्धत्थ सिद्धार्थ सियजस सिरिचंद सिरिदेवी सिरिधम्म विएबी- "देवी सिवा+देवी लोप विउसाणंद सिसुपाल सिंहजस सीमाता - सीलमई सीह गिरि सीहबल सीहरड सहविकम थुकुमारिका-"लिका शुकुमारिया सुजसा सुतारा सुदंसणा सुनंदा सुभद्दा ग सुसेणा सुंदरपाणि सुंदरी मुंब सूरियत सूरियकता सूर्यकान्ता सेणिय सोदास सोमचंद हरिसेण हलहर हली इलाउह हल्ल इंडिय हेमरह (७१) लेखाचार्या : ( उपाध्यायाः) सिद्धउत www.jainelibrary.org

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