Book Title: Akhyanakmanikosha
Author(s): Nemichandrasuri, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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शब्द दुइजी
दीप्त
जोडु
दीप्त
झुट्ठ(दे०)
देश्य-प्राकृतशब्दानामनुकमः शब्द पत्र-गाथा शब्द पत्र-गाथा
पत्र-गाथा
द्वितीया १३५-१ झगडअ(दे०) २८५-२९
दुगेज्स णिस्साणंत निशाणयत्
४९-९४
दुर्ग्राह्य
५३-२१२ झलकंत
दुरुलि दुश्चष्टा (१) ३५७-९९
वन्यजाति १३७-८ झलकिर दीप ५५-३०७
दुवियाय दुर्विजात, कुजात ११८-१११ झलक्किय ८५-१३
देवपह देवपथ ११६-५० झलुक्किय दग्ध १५८-९२,९७
तक्कुय दे०)
२४६-२६ देवलिया देवकुलिका ३५४-५६ २०१-२७५ तञ्चन्निय वुद्धधर्मानुयायी ६५-५ देसि
पान्थ ४२-१२८ झिज्ज
११-६९
तडिअ भिक्षुविशेष १८-६ देसिकुडी पान्धशाला ४२-१२८ ३०३-४३५
तरवारि तरवारि ६-६६,४५-४७, ___ *देसियाली(दे०) देशाटन २८-१०५ झुलुकिय(दे०) दग्ध
१०३-१४४ १६४-११
दोघट्ट(दे०) ९-१६,६२-१. ७३-६९, तलियातोरण तलिकातोरण, ३२-६४,
७४-७९, १०३-१३१, गु०तारियातोरण ३३६-६७
११०-९१,३४२-२८१, टप्पर(दे०) ६९-७, तल्लोवेल्ली(दे०) ६२-२८,७५-१३६
३५४-५३ टार(दे०)
९०-१४
*तंबालय(दे०) भाजनविशेष १०५-४५ दोधुब्वमाण दोधूयमान १३-१४४ *टिल्ल(दे०) तिलक, हिं टीका, २१७-६३४ तंबार (?) २८६-६१ दोहंडिय द्विखण्डित ७४-८७,७६-१४९ गुल्टीखें ताविल तप्त
२७२-२९ *टोप्परिया(दे०) कचोलिका, १७५-२९
तिद्वा (?)
१७८-१४ धवाडिय धावित १८२-१७ गु०श्रीफलनी काचली तिरियंत तिरयत् ११६-५०
धसक(दे०) . ३१४-११७ टोल अघटित २७३-६ . तीरी दे०)
११०-८७ घसक्किय(दे०)
१७३-३६ टोलपाहाण गण्डर्शल २७३-६
धाडीवाह समूहबद्धभारवाहक १८-१९ थट्ट दे०) ९-१६,६२-१८,७४-७९ धारिद्व धाष्ट्य २०८.५२९ डंबरिय आडम्बरित ९-१५,१२८-४०
८७-५,८८-८ धोत्तरिय धत्तूरित, मत्त ७१-६९ ढुंब दे०) ११७-८७,१५४-२,
थाणग(दे०)
२०४-३९७ १५५-३३ थिमिय दे०)
१२१-३
नउलय नकुलक, यलोदिमयी २२६-१४ ढुंबडअ(दे०) दृश्यता-डंब १५५-२८
थिल्ली(दे०) ३१६-१६२
नाणकस्थगिका, गु०नउली डाअ(दे०)
१४२-२२ *थोत्थर(दे०) शोथस्तर . ७२-१३
नाइत्तग-य(दे०) १०८-१,२०८-५२७ डोडिणो(दे०)
१४२-७१ थोभ क्षोभ १०६-८२
नवल नव्य १९०-७९ *डोढिणी(दे०) दृश्यतां-डोडिणी १४२-टि.२
निराय(दे०) ३०७-९३,३१५-१४८ ददर(दे०) १८१-८० निरारिअ(अप०)
८८-६,७ दसद्धिया चपेटा २३२-२५ निवलय दृश्यतां- २२५-पंक्ति २९, ढड्ढ दे०) हि किवाड बंध १९५-६३ दंदोली द्वन्द्वावलि
'नउलय' २२६-१७ करनेका बाहरी साधन दीयड दीपक
१८-२४
निस्सरिर निःसरणशील २७-७५ ढयर(दे०)
*'दीयड(दे०) सपविशेष २७१-२० निदिण (नि+दो), गु० निंदवू-नंदयुं ८-१८ ढलिअ(दे०)
२०७-४९५
दीयडय दृतिका ३२८-टि०१ नीरंगी दे०) हिं० धुंघट २९-१४४, ढंखरअ दे०)
४५-६१ दीवालिया दीपालिका २८९-१४२
६४-१०६ दिबायरिय पाषाणाकार १५४-पंक्ति २
दीहपट्ट सप
१४७-१९ दिबारिय
, १५५ १५५-२८ दीहपट्ट
स्त्रनामख्यात १४६-२, पइरिक्क(दे० २९८-२६८
अमात्य १४७-२० . पच्छिया दे०) दृश्यतां 'पत्थिया' ११४-९ *दुलि अ(दे०) स्खलित, अवनत, ३३१-१६३ १ अष्टमि-चतुदर्श( दिनद्वय )व्यतिरिक्त- पडुय(दे०) १३०-पंक्ति ५,१३४-२४ हिंदुला हआ, गु०ढळेलु दिनेषु विषविकल: सपः ।
पत्तिल्ल विश्वसित ३६०-१९८
थड(दे०)
२३६-२५७
दुक दे०)
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