Book Title: Akhyanakmanikosha
Author(s): Nemichandrasuri, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 480
________________ आख्यानकमणिकोशटी कान्तर्गतसमस्तदेश्यशब्दानां शब्दकोशोपयोगिमाकृतशब्दानां चाकारादिक्रमेणानुक्रमः [*एतादृक्कुलिकाङ्किता देश्यशब्दा आचार्यदेमचन्द्रीयदेशीनाममालायां नोपलभ्यन्ते ] शब्द अ अइहवा अविधवा अक्खडलिय अक्षपटलिक अगमहिसी महिषियगृह अखिय १२४-२२ ११७-९९ अच्छन्न अस्पृश्य २२१-२२ आच्छन, व्याप्त २६४-१७ अजेमत् १४२-२३ अट्टमट्टा (दे० ) अव्यवस्थित, १४७-४४ अजमंत अणक्खत्तया अक्षत्रता ●अणालिटी दे० हि० अंटसंट, अंडबंड अडाय (दे०) बक, आई १५०-६९ अणक्ख (दे०) २९५-२०१ ७१-८० १२६-१६, २७१-१६ • अणुण (दे०) निरभिमानिन् २९९-३०२ १४७-१६ २०१-२७४ * अणोलिया (दे०) हिं० गिल्ली, गु० मोई अणोलिया राजपुत्री नाम अत्थरिय अन्नव्यय आवाणग अम्मड (दे०) अग्भिट्ट (दे०) आस्तृत अन्यदीय मद्यपानगोष्ठी अम्मोगया (३०) अम्हच्चय अयड (०) अलीड पत्र - गाथा Jain Education International ७-७ अस्मदीय अविष्ट अल्ल आर्द्र ● अक्खा (दे०) निस्तेजस्व अवरोहण भवत (दे०) ५० ३२३-३९ २७१-१७ १७६-२०, २७७-२३ |११०-९१,१२२-४६. १५९ - १४५ २९४ - १५४ ५-५६ १२-१२८,१३२ १०-४९ २६२-२६४ १९०-६५,६८ १४६-१ १८-१७ अन्तःपुर ११२-१५६ ३००-३४५ ३ तृतीयं परिशिष्टम् शब्द * अवसेरी (दे०) चिन्ता असंथुम संधारित बदन (दे०) आभिट्ट (दे० आरट्टिय आलिंगिणी * अपरिचित अन्धकारयत् आ समभिगत आरपट्टिक आलिहिनी शरीरप्रमाणात्र च्छादनवस्त्रम् आसंघ (दे०) संधि (दे०) विश्वसित ३८-१५ आंबलिय (अप०) आवलित ८४-१० चिया, अम्बिका १८० -५८ आंबली उत्तावल (दे०) कीट १०२-१०६,३५८-१४० उगार उद्गार उडुमर राज्यस्यान्तःकलह उडुमर (दे० ) उड्डामर (दे०) प्रबल, उत्कृष्ट पत्र - गाथा ९२-४६ ३४८-४२ ९-१३ ४५-५८ ७८-२४५ १४६-१२ २५८-४३८ उ ६-५८,२६६-५४ ११४-१९ उक्कुरुडिया (दे०) उज्जमण ( अप० ) उट्टिया अवस्थितिका २०६-४४० हिं० अंटी, गु० ओटी उडिदे०) माप, हि० उरद ६२-३० ड्डू (उत्+टो) दिना ९२-३३ उडु (दे०) जातिविशेष, ११५--पंक्ति ७ गु० ओड " ० कृत १८३-८ ४१-११० १३-१४३ ६८-५ ६८५ ३६-११ ३३३-६१ For Private & Personal Use Only शब्द उतावळ (१०) *सोलिय(दे०) (1) *या दे०) उमतिका हिं० गिल्ली, ० मोई उन्नति, ” * उन्नई (दे०) * उप्फेर (? दे०) ( 1 ) उम्र (०) १४७-१५ १०६-६४ २६-६२ * उम्मिट्ट (दे०) बहिर्निर्गतम्, १५३ - पंक्ति ३१ शु-उमरे उयर • उल्लाघ (दे०) उल्लोय (दे०) उव्वित्त उन्वेषि उंबर (दे०) एलुगा ओघसर (दे०) ओयर ओयरय मध्य १२७-१४ रोगमुक्त ३३२-२० ४७-२७,१२८-४०, २५८-४३५, ३०१३७८ उद्वेजित ए एलुक ओ पत्र - गाथा ८७-३ २४७-७२ १४७-१४ ४८-३७ ३६१-२१९ प्रकार ७२८, १४ अपवरक " २६७-६० ३७-२९ ६२-३२ 23 ओर (अप० ) अर्वा समीप ८७-६ ८५-१५ अपवरक ओरि (अप०) ओलोवण अवलोकनक, गवाक्ष ३७-२५ ओवरग ३७-३५ ओसग्ग उपसर्ग १४४ - १०६ ओसरसुंभिय अवसरमित २६-६२ ओहडिय अवहृत ६८-६ · ३७-४७ www.jainelibrary.org

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