Book Title: Akhyanakmanikosha
Author(s): Nemichandrasuri, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 475
________________ द्वितीयं परिशिष्टम् जालंधर मेरु रहावत्त रेवय वेयड्ढ सम्मेयसेल सित्तुंजय सिरिपव्वय हिमवंत हिरिमंत विजय विज्ञ वेभार राह वेय चुलणी ३८८ (४०) नाणकम् हीणार (४१) नाविक-नाविकपल्यौ काणा नंद (४२) निर्ग्रन्थगच्छः बृहद्गच्छ (४३) निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थिन्यः अइमुत्तय जसभद्द अजितरि जंबु+णाम अजियजस जिणसेण अजखउड जिणाणंद अजसुहत्थी जिनचन्द्र अद्दयकुमार तिविक्कम अमियतेय त्रिगुप्त अरहन्नक-य थूलभद्द अहेन्नक दुक्खंतरिसि आनन्दसूरि दुल्लहएवी आम्रदेवसूरि देवरिसि आर्यखपुट देवसूरि कुलचन्द्र केसी धम्मघोस खमग+रिसि धम्मनंदण गज+सुकुमार धम्मरुइ गय+सुकुमाल धम्मसिरी गुणाकर धर्मरुचि गोयमसामि नमि गौतम नंदिवद्धण चण्डरुद्र नंदिसेण चन्दनार्या नाणगन्भ नारअ-द.य चंदणज्जा निउण 'णकुमारी नेमिचन्द्र णबाला नेमिचन्द्रसूरि पभवरि चित्रगुप्त पसन्नचंद जक्ख पहासरि जक्खिणी पाश्वदेव पुंडरीय जव प्रभवसूरि प्रसन्नचन्द्र विष्णु+कुमार बंभी वैर+स्वामि भद्द जस शय्यम्भव भद्दबाहु श्रीचन्द्रसूरि भवंतकर मणअ-ग, य समंतभद्द मणिचूड समाहिगुत्त मयमल्ल समियज मल+वाई,वादी समित मुणिचंद संभूयविजय यव सार्वभूति सिद्ध+सेण वइरसामि सुत्थिय वरदत्त सुधम्म-हम्म विचित्र सुप्रभा विणयंधर सुब्बअ-य विण्हुकुमार सुब्बया विद्धवाई सुंदरी विमलवाहण सेजंभव (४४) निर्ग्रन्थशाखा बंभदीवया-दीविया (४५) नैमित्तिको सिद्ध सिद्धपुत्त (४६) परिवा जक-तापसर्षि-श्रमण-कापालिकाः अम्मड भइरवाणंद अम्बड भारभूइ कढ महाकाल कमढ घोरसिव विस्सभूइ जन्नवक सुभद्दा दीवायण सुलसा परासर सेणग-य बुद्धदास हिरन्नरोम बुद्धाणंद (४७) पर्वताः अगमंदिर अंगामंदिर अट्ठावय अंजण अर्बुद उजित देविंद (४८) पुरोहित-ब्राह्मणास्तत्परिवारश्च अग्गिजाला वसुमित्ता अग्गिभूइ बाउभूइ आगच्चसम्म विन्हुमित्त कविल वेईसर कविला चक्यर वेयगन्भ चक्रचर वेयमित्त वेयरून जक्खसिरी वेयसाम जन्मदिन वेयसार जसा शय्यम्भव दिवायर सावित्ती नागश्री सावित्री नागसिरी सिद्धसेण निग्घिणसम्म सुद्धड पहाकर सेज्जंभव पारासर सेडुवक प्रभाकर सेदुअ बउलदत्त सेदुव+क भद्दबाहु सोमदत्त भूयसिरी सोमदेव भृगु सोमप्पह मणअ-ग सोमप्रभ माहव रहमित्त सोमसम्म लच्छिमई सोमा वराहमिहिर (४९) बलीवी कम्बल (५०) ब्राह्मणजातिः सोम भिगु वद्दलि चंडरुद्द सोमभूइ चंदणा सबल टक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504