Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 242
________________ श्री व्यवहार उक: 1] [239] च्च अहासम्म फासिया पालिका सरिया तास्थिा. किटिया भणाए. अणुपालिया भवइ / / सू.३७॥ अहअहमिया ण भिमन्युपरिमा णं चउः सट्टीए राइदिएहिं दोहि य महाभी भिवल्यास अहामुतंजावे अणुपालिया भवः // सू.३८॥ नवनमिया गं भिक्युपडिमा गं एगासीपहिं राइदिएहि चउहि य पञ्चत्तहिँ भिवयासहि पहासुन्तं जाव अणुपालिया भवइ ।।सू.३१॥ दसदसमिया गं भिक्षुपोडेमा णं एगे राइंदियसरणं अखण्डेहि य भिक्यासह अहासुतं जान अणुया. लिया भवइ ५॥सू.४०॥ दो परिमाओ पन्जनाओ, जहा- डिया चैव मोथोडमा, महल्लिया व मोथीरमा / मुडियणं मोयपरिमं प. डिबन्जल्स अणगारस्म कप्पइसे पठमसरयकालसमर्थसि वाचरिमनिदाहकालसमधंसि वा,बहिया डाइयग्या गामस्स माजाव संनिसस्म रावणमि का वर्णविदुग्गंसि वा पक्ष्यसि वा पवविदुरागसि वाराभोच्चा आसभइ चोइसमेण पारी अभौच्या आसभा सोलसमेणं परिइ। जाप जाए मौए आइथव्ये दिया आगच्छ दिया चैव आइयले गई मा. गच्छ जो आइथब्बे, सपाणे मते आगच्छ जो आरव्ये अपाणे मते आगच्छ आइथचे 4 / एवं सबीए ससिणि ससरवटमले आगच्छा जो आइयच्चै 5 / अबीए असिणि? अससरस भने आगच्छद आयो / जा. एजाब मोए आश्य में अप्य वा बहुए वा एवं खलु म' कोइरया मोथपडिमा महामन्तं जाव अणुपालिया भवः ॥सू.११॥ महल्लियाणां मोपोरेमं परिवन्नस्म भणगारस्स कम्यर से परामसरथकालीम जाव पा. यविदुगामि वा / भोच्चा आलभः सोलसमेण पारइ, अभोच्या आकभई अडारसमेण पारेड 2 जाए जाए मोए आयव्ये तह- विया आगच्छद। ॥सू.४२॥ संसादान्तथरस गं भिवायुस्स पडिग्गडधारिसमजाहावाकुलं पिर वायपडियाए अणुविदहस्य जावतिय र कर अन्तो पोडेग्गइंसि उवहन्तु दलएज्जा सावइयाओ दत्तीभी उत्तवं सियारातत्व से कई छप्पएण वा दूसरण वा बालएण वा अन्तो पडिग्गहंसि उच्चिन्ता दलाएज्जा सनाविणं सा एगा दन्ती बन्तव्य सिया. नस्य अहवे भुञ्जमाणा सच्च सयं सय वि साहणिय 2 अन्तो पडिगह सि उच्चिसा दल एज्जा सला. वि | सा एगा दतीति वनव्व सिया 3 // 43 // संघानियस्य भि

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