Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
________________ 284 श्री आजम मुधा गिन्धु * नवमो विभाग, सोगविगहादिएमु णेयं परिक्कम / / 12 // संभमा भयातुरातिमहः साणाभोगणप्पवसओ वा। सचचयातीयारे, तदुभयमासंकिते व / / 13 / दुच्चिंतिय दुभासिय, दुच्चेदिय एवमादियं बहुसी। उव3सो विज याति, जे देसियातियाति // 14 // सध्येसु य चिति. थपए, दंसाणचरणाबराहे / आउत्तस्म तदुभयं, सहमक्काराइ णा चेव // 15 // पिंडोवाहि सज्जादी, गहियं करजोगिणीचयुत्तेणं पच्छा णायमसुद्ध, सुद्धो विहिणा विगिंचंतो // 26 // कालखाणा तिच्छियमणुग्गयत्यमियगरि यमसठी 3 / कारणगहि उच्चरिए,भसादिविचिंचणे सुद्धो // 27 // गमणागमणविरा सुयं मि मावज्जमु विणयादिसु याणावाणदिसतारे, पायच्छिन्नं विउसगी / / 18 // पाणे सयणासणे य, अरहतसमणसेज्जास्। उच्चा पासवणे पण. वीस होन्ति उस्मासा // 19 / / हत्यसतवाहिशतो. गमणागमणाइएसु पणु बीसं / पाणिशादिमुभिणाए, सतमसतं चउत्पम्मि / / 20 // देमिय राय-4 विस्य-चाउम्मास-धरिमेमु परिमाणं / सतम तिष्णि सता पंच सतऽदू तर सहस्म // 21 // उद्देस समुद्देमे, सत्तावीस तहेवऽणुण्णाए। भदेव य ऊसासा, पदवण- परिममणमादी / / 22 / / उद्देमय अज्नयणे, मुतखंधभु कमसी पमादिस्स / कालाकमणादिमु, णाणायाराड्यारेसु // 23 // णिब्धि. गलिय पुरिमडेगभन्न मायंबिलं चणागाटे। पुरिमादी घमणतं, आगाठे एवमत् वि / / 24 // सामण्णं पुण मुत्ते, मतमायामं चउधमम्मिा अप्पत्तोपत्नोवत्तवायणदेखणादीम् // 25 // काला विसज्जणादिम्, मंड. लिवमुहापमज्जणादिमु य / णिवीतियं अकरणे, अपघणि सेज्जा अभ. तही / / 26 // आगाठा 5 णागाटम्मि सध्यभो य देसभंगे याजोगे / दुचउत्पं, चउत्यमायंत्रिलं कमसी // 27 // संकादिएम देने, घमण मिच्छोवरणादिसु य / पुरिमादी स्त्रमणंत, भिक्युप्मभितीण य चतुएं // 2 // एवं चिय पत्तेयं, उपवूरादीण अकरणे जतीण। आयामंतं णिव्वीतिआदि पासस्थासहेस / / 29 / / परिवारादिणिमित्त, ममतपरिपालणादि छल्ले / साहम्मिउ त्ति संजमहे वा सची सुटो / / 30 / / एगिदियाण पट्टणमगाटगाटपरितावणोदवणे। णिवीयं पुरिमई,आसणमायाम
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