Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 251
________________ 聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽 [24] श्री आगम मुधा सिन्धु नवमो विभाग वाहरमास तथगते चेन पडिसुणित्ता भवति आसाथणा सेहस्स 20, सेहे राइणि किति वत्ता भवति आसाथमा सेहम्स 21, सेहे राइणियं तुमंनि वत्ता भवति आसाथणा सेहम्स 22. सेहे राइणियं वई 2 वत्ता भरति आसाथणा सेहस्स 23. सेले राइणियं नज़ारण तजार्थ पडिभणित्ता भर्ति आत्मायणा रोटरस 29 सेहे राइणियस्स कहं कमाणस इति एकति) वत्ता (न) भरति मासाधणा सेहस्स 25. सेहे राइणियरस कहं कहेमाणस्स णो सुमर सिप्ति क्ता भवति आयातणा सेहरम 26, सेहेराणियन्स कहकमाण स्स नी मुमणा (सुमणसे) भवति आसाथणा सेहम्म 27, सेहे राइगियरस कहं कहेमाणम्स परिसं भेता भवति आसायणा से. हस्स 22, सेहे राणियस्म कह कहेमाणस कहं जान्छिदित्ता भवति आसादणा सहस्स 29, सेहे राइणियन्स कहं कहेमागास्म तीसे परिसाए अदितताए अभिन्नार अब्बोच्छिनाए सम्बोगाए दुचंपि तञ्चपि तमेव कहं कहता भवति आसारणा सेहरम ३०,सेहे राणियस्स सेज्जासंधारगं पारणं संघहिचा हत्येणं अणगुण्णाना)वेत्ता रति आसानणा मेहम्स, सेहेराइणियरस सेशासंधारए चिरिठत्ता वा निसीस्ता वा सुयहित्ता वा भवति आसादणा सेटस्स 22, सेहे राइणियास उधासणसिवा समासणंसिका चिरिठत्ता वा निसीइता या तुयत्तिावा भवति आसादगा सेहस्स 33. एनाओ साल नाजी धेरोहिं भगवनेहि तेनीसं आसाथणाओ पाताओत्ति बेमि ॥स्०४॥ तथा इसा समना // 3 // अथ गणिसम्पदास्यं चतुर्थमध्ययनम्। सुर मे भाउसंतेण भगवथा प्रममन्या-इह खलु धेरेही भगवतेहि भरठनिहा गणिसंपदा पण्णता, कयरा रयल थेरेहि भगवं. तेहि अरनिहा गणिसंपदा पण्णता 1 इमा स्थल परेहि भगवंतेहिमरविहा गणिसंपदा पण्णता, तंजहा- आचारसंपया सुयसंपथा सपरिसंपया भयणसंपया पायणासंपया मनिसंपया पजीगसंपया संग

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