Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 09
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 261
________________ 251] या आगम सुधा सिन्धु समो विभाग पेचमा प्रवासगरिमा . धम्मई यानि भवति / ' उम्स" बहसीलपय जान सम्स परिलहिया भवनि से सामाध्य नहब से चाउद्दसि नहेव गराइय सम्म भापालेना भवति / से अमिणा वियाभोई मरलियकडे दिया अभयारी गति परिमाणकडे से एयावेगा बिहारेण विहरमाणे जहणणे प्रगाह बा दयाहवा लियाह वा उनीसण पंच मासे विसरिज्जा" पंचमा उनामापडिमा // 5 // 0 // अहावरा घड़ा उजासगपरिमा. सयधम्मकई यानि भवति जाव से एगगराइय उवामाडिम अणु. पालित्ता भवति / / सेणं असिगाणY वियडभोई मालीयकडे दि. था वा राओ वा बभयारी सचित्ताहार से परिमाए aa भनौत। से एग्यासवेग विहारण विहरमायो जहण्णोणा गाह वा दुयाहवा जाब उकासेगा धम्मासा विहरेज्जा भट्ठा उवासंगपडिमा // 6 // 24 // महावरा पत्तमा उवासगडिमा-सलधम्मरूई याविभ. वति जान राओवाबंभयारी सचित्ताहारे से परिणाए भवति है। आरभे से अपरियया भवतिर से एथाम्ने विहार हरमाणे जहण्यो एमाह वा दुयाह वा आव उकोसे सत्तमाले विहरिजा 3 / सत्तमा उवासगपडिमा सू०२६।। महावरा अट्ठमा उवासजडिमा-सब्वधम्मरई यानि भवति जान राओवाबभयारी सचिसाहारे से परिणाए भर्ति आरंभे से परिणाएं भवति पेसा रभे 4 से अपरिणाए भवति / / एयारवेणा विहारेण विह. रमाणे जाव एगाह वा दुथाह वा जाव कोसणं अट मासा विह.. रिज्जा 3. से त भरठमा उवासगपडिमा // 2 // 27 // अनावरा नवमा उगमापतिमा- सचधम्मससी यानि भवति जाव राभोवरायं बभयारी 3, सचित्ताहार से परिणाए भवति आरंभ से परिगाए भवति पैसा उभे से परिगणार भवति / / उद्दिभत्ते से अपरिणाए भवति / से एथाणुसवेग निहारेण विहरमाणे जहरणे एगाहं वायुयाहं वा जाव को. से नन मामा विहरिज्जा / सेनं नवमा उवासगडिमा // 9 // सू०॥. महारा ट्रसमा उवासंगपडिमा. सम्बधम्मलई यावि भवति जान उहि

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