Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 01 of 01 Author(s): Jinendravijay Gani Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 7
________________ ॐ श्री वीरपाटपरंपरा-स्तवना॥ महावीरं जिनं नत्वा स्मृत्वा च गौतमं गुरुम् / / पवित्रा हि स्मरिष्यामि सुधर्मादि परंपराम् // 1 // श्री सुधर्मा गुरुर्जम्बूर्जयतात् प्रभवप्रभुः / शय्यंभवो यशोभद्रः संभूतिर्भद्रबाहुपः // 2 // स्थूलभद्रः सदा भद्रो महागिरिसुहस्तिनौ / सुस्थितो मुनिनाथो हि सुप्रतिबद्धकौटिकः // 3 // सूरीन्द्रदिनदिन्नौ हि श्री सिंहगिरिवज्रपो / बज्रसेनश्च चन्द्रस्सामंतभद्रो हि पातु नः // 4 // वृद्धदेवो गुरुः प्रद्योतनो वै मानदेवकः / श्री मानतुङ्गवीरौ हि जयदेवश्च रक्षतात् // 5 // देवानन्दो गुरुर्जीयात् विक्रमो नरसिंहज्ञः / . समुद्रो मानदेवश्च विबुधप्रभसूरिपः // 6 // जयानन्दो रविप्रभो यशोदेवो दयानिधिः / प्रद्युम्नमानदेवौ हि मूरिविमलचन्द्रकः // 7 // उद्योतनः सर्वदेवो देवश्च सर्वदेवकः / , यशोभद्रश्च . श्रीनेमिचन्द्रश्च मुनिचन्दकः // 8 // अजितदेवसिंही सोमप्रभो मणिरत्नकः / जगच्चन्द्रस्तपा जीयात् तपोधर्मप्रभावकः // 9 // देवेन्द्रो धर्मघोषस्सोमप्रभः सोमतिलकः / श्रीदेवसुन्दरः सोमसुन्दरो मुनिसुन्दरः // 10 // श्रीरत्नशेखरः लक्ष्मीसागरः सुमतिस्तथा / श्रीहेमविमलाणंदविमलौ दानहीरको // 11 // श्रीसेनदेवसिंहाश्च सूरयः सत्यपण्डितः / श्रीकपूर-क्षपाविज्ञी जिनोत्तमौ च पाकः // 12 // रूपः कीतिश्च कस्तूरः गणीन्द्रो मणिपण्डितः / / बुद्धिगणीन्द्रपन्न्यासो द्विसप्ततितमोऽवतात् // 13 // आणंदविजयो हर्षकपूरामृतसूरयः / स्तुताः पधराः प्रेम्णा जिनेन्द्रेण सिवाय ते // 14 //Page Navigation
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