Book Title: Agam 27 Chhed 04 Dashashrut Skandh Sutra Sthanakvasi Author(s): Atmaram Maharaj Publisher: Padma Prakashan View full book textPage 5
________________ www दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् विषय-सूची १६ प्रथम दशा द्वितीया दशा 'सुयं मे'-(मैंने सुना है)-इसकी व्याख्या १ | स्थविर भगवंतों द्वारा प्रतिपादित स्थविर भगवंतों द्वारा बीस असमाधि स्थान ।। इक्कीस शबल दोष कथन पहला शबल दोष शीघ्र-शीघ्र चलना, बिना प्रमार्जन किये। इसरा और तीसरा शबल दोष चलना, भली प्रकार से प्रमार्जन किये ३५-३७ बिना न चलना १२ चौथा और पाँचवाँ दोष ३५-३६ चौथी और पाँचवीं असमाधि १४-१५ छठा दोष छठी असमाधि सातवाँ दोष ४२ सातवीं असमाधि आठवाँ और नौवाँ दोष ४३-४४ आठवीं असमाधि दसवाँ और ग्यारहवाँ दोष ४५-४६ नौवीं और दसवीं असमाधि बारहवाँ और तेरहवाँ दोष ४७ ग्यारहवीं और बारहवीं असमाधि २०-२१ तेरहवीं और चौदहवीं असमाधि २२-२३ चौदहवाँ और पन्द्रहवाँ दोष ४८-४६ पन्द्रहवीं और सोलहवीं असमाधि २४-२५ सोलहवाँ और सतरहवाँ दोष ५०-५१ सतरहवीं और अट्ठारहवीं असमाधि २६ अट्ठारहवाँ दोष उन्नीसवीं और बीसवीं असमाधि २७-२८ | उन्नीसवाँ और बीसवाँ दोष स्थाविर भगवंतों के द्वारा कही हुई बीस | इक्कीसवाँ दोष ___ असमाधियों का वर्णन ३० । स्थविर भगवंतों के कहे हुए शबल दोष ५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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