________________ समर्पण निरतिचार संयमसाधना में सतत संलग्न रहने वाले अतीत, अनागत और वर्तमान के सभी श्रुतधर स्थविरों के करकमलों में। समर्पक अनुयोगप्रवर्तक मुनि कन्हैयालाल 'कमल' गीतार्थ तिलोकमुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org