Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
६०-६३
2059 24
जंबूद्वीप प्रज्ञप्तिसूत्र भा. दूसरे की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क
विषय
चौथा वक्षस्कार क्षुल्लहिमवत्वर्षधरपर्वत का वर्णन क्षुद्रहिमवान् के शिखर के ऊपर वर्तमान पद्महृद का निरूपण ८-१७ क्षुद्रहिमवान् की भूमि में वर्तमान भवनादिका वर्णन
१८-३६ गङ्गा सिन्धू महानदी का निरूपण
२६-५३ गङ्गादिमहानदी का निर्गमादि का निरूपण
५४-५९ रोहितंसा महानदी के प्रपातादिका निरूपण क्षुद्रहिमवत्पर्वत के ऊपर वर्तमानकूट का निरूपण
६३-८१ क्षुद्रहिमान् वर्षधरपर्वत से विभक्त हैमवक्षेत्र का वर्णन
८१-८५ क्षेत्रविभाजक पर्वत का निरूपण
८६-९३ हैमवत वर्ष के नामादि का निरूपण
९३-९५ उतर दिशा के सीमाकारी वर्षधर पर्वत का निरूपण
९५-१०० महापद्म हृदपर्वत का निरूपण
१०१-११७ हिमवत्वर्षधरपर्वत के ऊपर स्थित कूट का निरूपण
११७-१२० हरिवर्ष क्षेत्र का निरूपण
१२१-१२९ निषधनाम के वर्षधरपर्वत का निरूपण
१३०-१३७ तिगिच्छहृद के दक्षिण में वहनेवाली नदी का वर्णन १३८-१५४ महाविदेह वर्ष का निरूपण
१५४-१६५ गंधमादन वक्षस्कार पर्वत का निरूपण
१६५-१७६ उतर कुरु का निरूपण
१७६-१९३ यमका राजधानीयां का वर्णन
१९४-२४६ नीलवन्तादि हृद का वर्णन
२४७-२५३ सुदर्शन जम्बू का वर्णन
२५४-२८९
જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્રા