Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 915
________________ प्रकाशिका टीका तृ०३वक्षस्कारःसू० २९ स्वराजधान्यां श्री भरतकार्यदर्शनम् ९०३ सहखैः अभिष्ट्रयमानः २ 'हिययमालासहस्से हिं उण्णं दिज्जमाणे २ हृदयमालामहः पूर्ण दीयमानः पूर्ण दीयमानः दर्शकप्रजागणहृदयसहस्रेषु पूर्णतया निजवासस्थानं दीय मानः इत्यर्थः मनोरहमालाप्सहस्सेहि विच्छिप्पमाणे' मनोरथमालासहः विच्छप्यमानःविशेषेण स्पृश्यमान. 'कंतिरूवसोहग्गगुणेहि पिच्छिज्जमाणे पिच्छिज्जमाणे कान्ति' रूप सौभाग्यगुणैः प्रेक्ष्यमाणः १ 'अंगुलिमालासहस्सेहि दाइज्जमाणे २' अलिमालासहस्रैः दय॑मानः२ 'दाहिणहत्थेणं बहूणं णरणारीः सहस्साणं अंजलि मालासहस्साई पडिच्छेमाणे पडिच्छेमाणे दक्षिण हम्तेन बहनां नरनारी सहस्त्राणाम् अनलिमालासहस्त्राणि प्रतीच्छन् प्रतीच्छन्स्वीकुर्वन् स्वीकुर्वन् 'भवणपंती सहस्साई समच्छमाणे २' भवनमालासहस्त्राणि समतिक्रमन समतिक्रमन उल्लङ्घयन र अनेक भवनानि तंतीतल तुडियगीयवाइयरवेणं' तन्त्रीतलतूयं गीतवादितरवेण तत्र गीतम् गानविशेषः तच्च वादितानि च शब्दवन्ति कृतानि तन्त्री च वीणा तलौ च हस्तौ तूर्याणि च पटहादि वाद्यविशेषा; यानि तानि गीतवादित तन्त्रीतलतर्याणि मूले प्राकृतत्वान् आर्षत्वाद्वा पदव्यत्ययः तेषां रवः-शब्दस्तेन 'मधुरेणं' मधुरेण 'मणहरेणं' मनोहरेण मनोज्ञेन सेहि पिच्छिज्जमाणे २) इस तरह वे भरत राजा हजारों नेत्रपंक्तियों द्वारा वारंवार देखे जाते हुए (वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वमाणे २) बारबार हजारों वचनावलियों से स्तुत होते हुए (हिययमालासहस्सेहिं उण्णं दिज्जमाणे २) हजारों दर्शक जनों के हृदयों में अपना पूर्णरूप से स्थान बताते हुए (मणोरहमालासहस्सेहि विच्छिापमाणे) जनता के हजारों मनोरथों द्वारा विशेष रूप से स्पष्ट होते हुए (कंतिरूव सोहग्गगुणेहिं पिच्छिज्जमाणे २) कान्तिरूप एवं सौभाग्य गुणों को लेकर जनता के द्वारा अपने २ नेत्रों को पसार २ कर देखे गये (अंगुलिमाला सहस्से हिं दाइज्जमाणे २) हजारों अंगुलियों द्वारा वारंवार दिखाये गये (दाहिणहत्थेणं बहूणं णरणारीसहस्ताणं अंजलिमालासहस्साई पडिच्छेमाणे पडिच्छेमाणे)अपने दक्षिण हाथ से अनेक हजारों नर मारी जनों द्वारा कृत हजारों अंजुलियो को बार बार स्वीकार करते २ (भवणपंती सहस्साई समइच्छमाणे २) हजारों भवनों की श्रेणि को पार करते २ (तंतीतलतुडियगीयवाइयरवेणं)गीतों में ५तिमी प २१२ १श्यमान था (वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वमाणे २) वारपार वयनावणाथी सत्तूयमानथता, (हिययमाला सहस्सेहिं उण्णं दिज्जमाणे २) १२। हैशनाना हयामा स पूर्ण पणे पोतानु स्थान मानावता, (मणोरहमाला सहस्सेहि विच्छिप्पमाणे) - 1। मना२थे। बडे विशेष ३५भा २५ यता, (कंतिरूव सोहग्ग गुणेहिं पिच्छिज्जमाणे २) ४iति, ३५ भने सोमाय शुशाने ने 1 43 साश्चय हटिया वायस(अंगुलिमालासहस्से हिं दाइज्जमाणे २) २माजी। १3 पवार FREE रायस (दाहिणहत्थेणं बहूणं पर णारी सहस्साणं अंजलिमालासहस्साई पडिच्छेमाणे २) पाताना भए हाथथा गरे। १२-नारीमे। पडे २ सिमानाकामा मापीछे, तेन वारंवार स्वी१२ ४२ता,(भवणपंती सहस्साई समइच्छमाणे २) इन लवनानी २भएीय श्रेणी माने पा२ ४२ते। (ततीतलतुडियगीयवाइयरवेणं) गीतमां पाता, तन्त्री, तस જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર

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