Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 423
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ४१४ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भगवई - २४/-/१२/८४६ मुहुतेहिं अमहियाई एवतियं कालं सेवेचा एवतियं कालं गतिरागति करेज्जा सो चेव अप्पणा उकोसका लट्ठितीओ जाओ एवं तइयगमगसरिमसो निरवसेसो भाणियव्वो नवरं - अप्पणा से ठिई जहणणं बावीस वाससहस्साई उक्कोसेणं वि बाबीसं वाससहस्साई सो चेव जहण्णकालट्ठितीएसु उववण्णो जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वि अंतोमुहुत्तं एवं जहा सत्तमगमगो जाव भवादेसो कालादेसेणं जहणेणं बावसं वाससहस्साई अंतोमुहत्तममहियाई उक्कोलेणं अट्ठासीइं चाससहस्साई चउहिं अंतोमुहुत्तेहिं अब्भहियाई एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागर्ति करेज्जा सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववण्णो जहण्णेणं बावीसवाससहस्सद्वितीएसु उक्कोसेणं वि बावीसवास सहस्सट्ठितीएस एस चैव सत्तमगमगवत्तव्वया जाणियव्या जाव भवादेसो ति कालादेसेणं जहणेणं चोयालीसं वाससहस्साई उक्कोसेणं छावतरं वाससयसहस्सं एवतियं कालं सेवेचा एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा जइ आउक्काइ एगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्रति किं सुहुमआर बादरआउ एवं चउक्कओ भेदो भाणियव्वो जहा पुढविक्काइयाणं आउकूकाइए णं भंते जे भविए पुढविक्काएसु उववजितए से णं भंते केवइकालद्वितीएसु उववज्जा गोयमा जहणणं अंतोमुहुत्तट्ठितीएस उक्कोसेणं बावीसवाससहस्सट्ठितीएसु उवजेजा एवं पुढविक्काइयमगमगसरिसा नव गमगा भाणियव्या नवरं थिवुगाबिंदुसंठिए ठिती जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं एवं अनुबंधो वि एवं तिसु वि गमएस ठिती संवेहो तइयछसत्तममनवमेसु गमएसु-भवादेसेणं जहणेणं दो भवाहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई सेसेसु चउसु गमएसु जहणणेणं दो भवग्गहणाई उक्को सेणं असंखेज्जाई भवग्गहणाई ततियगमे कालादेसेणं जहन्नणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उकूकोसेणं सोलमुत्तरं वासस्यसहस्तं एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागति करेजा छड्डे गमए कालादेसेणं जहण्णेणं बावीसं बाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं अट्ठासीति बाससहस्साई चरहिं अंतोमुहुत्तेहिं अमहियाई एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागति करेजा सत्तमे गमए कालादेसेणं जहष्णेणं सत्त वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई उक्कोसेणं सोलसुतरं वाससयसहस्सं एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा अट्टमे गमए कालादेसेणं जहणेणं सत्त बाससहस्साई अंतोमुहुत्तममहियाई उक्कोसेणं अट्ठावीसं वाससहस्साई चउहिं अंतोत्तेहिं अमहियाई एवत्तियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गरतिरागति करेजा नवमे गमए भवादेसेणं जहणेणं दो भवग्गहणाई उक्कोसेणं अट्ठ भवग्गहणाई कालादेसेणं जहणणेणं एकूणतीसं वाससहस्साई उक्कोसेणं सोलसुत्तरं वाससयसहस्सं एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागतिं करेजा एवं नवसु वि गमएसु आउक्काइयठिई जाणियव्वा जइ उक्काइएहिंतो उववज्रंति तेक्काइयाणं वि एस चैव वत्तव्वया नवरं -नवसु वि गएसु तिणि लेस्साओ उक्काइया णं सुईकलावसंठिया ठिई जाणियव्या तइयगमए कालादेसेणं जहन्नेणं बाबीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमन्महियाई उक्कोसेणं अठासीति वाससहस्साई बारसहिं राईदिएहिं अमहियाई एवतियं कालं सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागति करेजा एवं संवेहो उवजुंजिऊणं भाणियवो जइ वाउक्काइएहिंतो वाउक्काइयाणं वि एवं चैव नव गमगा जहेव ते उक्काइयाणं नवरं -पडागासंठिया पत्रत्ता संदेहो वाससहस्सेहिं कायच्चो तइयगमए कालादेसेणं जहणेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तमम्भहियाई उक्कोसेणं एवं वाससयसहस्सं एवं संवेहो For Private And Personal Use Only

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