Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 456
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सतं-२५, उद्देसोअसंखेनगुणा परमाणुपोग्गला सव्वेवा दव्वट्ठ-अपदेसट्टयाए अंसखेज्जगुणा संखेनपदेसिया खंधा देसेया दव्वट्ठयाए असंखेनगुणा ते चेव पदेसट्टयाए असंखेनगुणा असंखेज्ज- पदेसिया खंधा देसेया दव्वट्टयाए असंखेनगुणा ते चेव पदेसट्टयाए असंखेनगुणा परमाणुपोग्गला निरेया दबट्टअपदेसट्ठयाए असंखेनगुणा संखेजपदेसिया खंधा निरेया दबट्टयाए संखेजगुणा ते चेव पदेसट्टयाए संखेनगुणा असंखेजपदेसिया निरेया दबट्टयाए असंखेनगुणा ते चेव पदेसट्टयाए असंखेजगुणा ७४५1-744 १८९२) कति णं भंते धम्मस्थिकायम्स मज्झापदेसा पन्नत्ता गोयमा अट्ट धम्मत्यिकायस्स मज्झपदेसा पन्नत्ता कति णं मंते अधम्मत्थिकायस्स मज्झपदेसा पत्रनत्ता एवं चेव कति णं भंते आगासस्थिकायस्स मज्झपदेसा पन्नत्ता एवं चेव कति णं भंते जीवास्थिकायस्स मज्झपदेसा पनत्ता गोयपा अट्ट जीवस्थिकायस्स मन्झपदेसा पनत्ता एए णं भंते अट्ट जीवत्थिकायस्स मन्झपदेसा कतिसु आगासपदेसेसु ओगाहति गोयमा जहण्ोणएककंति वा दोहि वा तीहिं या घउहिं या पंचहिं वा छहिं वा उक्कोसेणं अट्ठसु नो चेवणं सत्तसु सेवं मंते सेवं मंते ति।७४६।-745 पंचवीसइमे सते वउत्यो उद्देसो समत्तो. ___-पंच मो-उ हे सो :(८९३) कतिविहा णं भंते पज्जया पन्नत्ता गोयमा दुविहा पजवा पन्नत्ता तं जहा-जीवपजवा य अजीवपञवाय पज्जवपदं निरवसेसं भाणियव्यं जहा पन्नवणाए ७४७१-746 (८९४) आवलिया णं मंते किं संखेजा सपया असंखेजा समया अनंता समया गोयमा नो संखेजा समया असंखेजा समया नो अनंता समया आणापाणू णं भंते किं संखेशा एवं चेव घोवेणं भंते किं संखेना एवं चेव एवं लवे वि मुहुते वि एवं अहोरत्ते एवं पक्खे मासे उऊ अवणे संवच्छरे जुगे वाससए वाससहस्से वाससयसहस्से पुच्वंगे पुवे तुडियंगे तुडिए अडडंगे अड्डे अववंगे अववे हूहयगे हुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे नलिणंगे नलिणे अत्थनिपूरंगे अत्यनिपूरे अउयंगे अउए नउयंगे नउए पउयंगे पउए चूलियंगे चूलिए सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया पलिओचमे सागरोवमे ओसप्पिणी एवं उस्सप्पिणी वि पोग्गलपरियट्टे णं भंते किं संखेना समया-पुच्छा गोयमा नो संखेज्ना समया नो असंखेना समया अनंता समया एवं तीयद्धा अणागयद्धा सव्वद्धा आवलियाओ णं भंते किं संखेजा समया-पुच्छा गोयमा नो संखेन्ना समया सिय असंखेजा समया सिय अनंता समया आणापाणू णं भंते किं संखेजा समया एवं चेव थोवाणं भंते किं संखेज़ा समया एवं चेव एवं जाव ओसप्पिणीओ ति पोग्गलपरिचट्टाणं भंते किं संखेजा सपया-पुच्छा गोयमा नो संखेजा समया नो असंखेना सपया अनंता समया आणापाणू णं भंते किं संखेजाओ आवलिवाओ-पुच्छा गोयमा संखेचाओ आवलियाओ नो असंखेजाओ आवलियाओ नो अनंता-ओ आवलियाओ एवं थोवे वि एवं जाव सीसपहेलिय ति पलिओवमे णं भंते किं संखेजाओ आवलियाओ-पुच्छा गोयमा नो संखेजाओ आवलियाओ असंखेजाओ आवलियाओ नो अनंताओ आवलियाओ एवं सागरोवमे वि एवं ओसप्पिणी वि उस्सप्पिणी वि पोग्गलपलियट्टेपुच्छा गोयमा नो संखेजाओ आवलियाओ नो असंखेनाओ आवलियाओ अनंताओ आवलियाओ एवं जाव सव्वद्धा आणापाणू णं मंते किं संखेजाओ आवलियाओ-पुच्छा गोयमा सिय संखेजाओ आवलियाओ सिय असंखेजाओ सिय अनंताओ एवं जाव सीसपहेलियाओ पलि For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514