Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 472
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सतं-२५, उहेसो-७ आपुच्छणा व पडिपुच्छा छंदणा य निमंतणा उवसंपया य काले सामायारी भये दसहा ॥१०६॥-1 (९६२) दसविहे पायच्छिते पन्नते तं जहा-आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिह विउसग्गारिहे तवारिए छेदारिहे मतारिहे अणवठ्ठप्पारिहे पारंचियारिहे।८०२-801 (९६३) दुबिहे तवे पन्नत्तेतं जहा-बाहिरए य अभितरए य से किं तंबाहिरए तवे, बाहिरए तवे छबिहे पन्नत्ते [तं जहा] १८०३-१-803-1 (९६४) अणसणं ओमोदरिया भिक्खायरिया रसपरिच्चाओ कायकिलेसोपडिसंलीणया व बज्झो तयो होइ ||१०७1-1 (९६५) से किं तं अणसणे अणसणे दुविहे पन्नते तं जहा-इत्तरिए य आवकहिए य, से किं तं इत्तरिए इत्तरिए अणेगविहे पत्रत्ते तं जहा-चउत्थेभत्ते छठेभत्ते अद्वमेमते दसमेभत्ते दुवालसमे भत्ते चोद्दसमेभत्ते अद्धमासिएभत्ते मासिएमत्ते दोमासिएभत्ते तेमासिएभत्ते जाय छम्मासिएभत्ते सेत्तं इत्तरिए, से किं तं आयकहिए आवकहिए दुविहे पन्नत्ते तं जहा पाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे व, से किं तं पाओवगपणे पाओवगमणे दुविहे पन्नत्ते तं जहा-नीहारिमेय अनीहारिमे व नियमं अपडिकम्मे सेत्तं पाओवगमणे से किंत भत्तपच्चक्खाणे भत्तपञ्चक्खाणे दुविहे पन्नतेतं जहानीहारिमे य अनीहारिसे य नियमं सप्पडिकम्मे सेत्तं भत्तपच्चक्खाणे सेत्तं आवकहिए सेत्तं अणसणे, से किं तं ओमोदरिया ओमोदरिया दुविहा पत्रत्ता तंजहा-दव्योमोदरिया य भावोमोदरिया य से किं तं दव्योमोदरिया दब्योपोदरिया दुविहा पन्नत्ता तं जहा उवगरणदव्योमोदरिया य भत्तपाणदव्यो- मोदरिया य से किं तं उवगरणदव्योमोदरिया उवगरणदव्योमदरिया तिविहा पत्रत्ता तं जहा-एगे वत्ये एगे पाए चियत्तोवगरणसातिजणया सेत्तं उवगरणदव्योमोदरिया से किं तं भत्तपाणदव्योमोदरिया भत्तपाणदव्योमोदरिया अट्ठककुडिअंडगप्पमाणमेत्ते कवले आहारमाहारेमाणे अप्पहारे दुवालस जहा सत्तम सए पढमोद्देसए जाव नो पकामरसभोजीति वत्तव्यं सिया सेत्तं भत्तपाण- दव्वोमोदरिया सेत्तं दबोपोदरिया से किं तं भावोमोदरिया भावोमोदरिया अणेगविहा पन्नता तं जहा अप्पकोहे जाव अप्पलोभे अप्पसद्दे अप्पझंझे अप्पतुमंतुमे सेत्ते भावोमोदरिया सेत्तं ओ-मोदरिया, से किं तं भिक्खायरिया भिक्खायरिया अणेगविहा पन्नत्ता तं जहा-दव्वाभिग्गहचरए जहा ओववाइए जाव सुद्धेसणिए संखादत्तिए सेत्तं भिखायरिया, से किं तं रसपरिचाए रसपरिचाए अणेगविहे पत्रते तं जहा निविगितिए यणीयरसविवजए जहा ओवयाइए जाय लूहाहारे सेत्तं रसपरिच्चाए, से किं तं कायकिलेसे कायकिलेसे अणेगविहे पत्रत्ते तं जहा-ठाणादीए उक्कुड्यासणिए जहा ओववाइए जाय सव्वगायपरिकम्म-विभूसविष्पमुक्के सेत्तं कायकिलेसे, से किं तं पडिसलीणया पडिसलीणया चउचिहा पन्नत्ता तं जहा-इंदियपडिसलीणया कसायपडि-संलीणया जोगपडिसंलीणया विवित्तसयणासणसेवषया से कि तं इंदियपडिसंलीणया इंदियपडिसंलीणया पंचविहा पन्नत्ता तं जहा-सोइंदियविसयप्पयाराणिरोहो वा सोइंदियविसयप्पतेसु अत्येसु रागदोसविणिग्गही चक्खिदियविसयप्पयारणिरोहो वा एवं जाव फासिंदियविसयप्पयारणिरोहो वा फासिंदियविसयप्पत्तेसु वा अत्थेसु रागदोसविणिग्गहो सेत्तं इंदियपडिसंलीणया, से किं तं कसायपडिसलीणया कसायपडिसंलीणया चउब्विहा पन्नता तं जहा-कोहोदयनिरोहो वा उदयप्पत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं एवं जाय लोभोदयनिरोहो वा उदवपत्तस्स वा लोभस्स For Private And Personal Use Only

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