Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 441
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४३२ भगवई - २५/-//८६३ चोद्दसविहाणं संसारसमावण्णगाणं जीवाणं जहण्णुककोसगस्स जोगस्स कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्थोवे सुहुपस्स अपजत्तगस्स जहण्णए जोए बादरस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेनगुणे, बेइंदियस्स अपजत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेजगुणे एवं तेइंदियस्स एवं चउरिदियस्स असणिस्स पंचिंदियस्स अपजत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेनगुणे सण्णिस्स पंचिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे सुहमस्स पजतगस्स जहण्णए जोए असंखेनगुणे वादरस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेनगुणं सुहमस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे दादरस्स अपजत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुण सुहमस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेजगुणे बादरस्स पजत्तगास उकूकोसए जोए असंखेनगुणे बेइंदियस्स पनत्तगस्स जहण्णएजोए असंखेनगुणे एवं तेंदियस्स एवं जाव सम्णिपंचिंदियस्स पजत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेजगुणे बेइंदियस्स अपजत्तरस उक्कोसेए जोए असंखेनगुणे एवं तेइंदियस्स विएवं जाव सण्णिपंचिंदियस्स अपजत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेनगुणे बेइंदियस्स पजत्तगस्स उक्कोसेए जोए असंखेज्जगुणे एवं तेइंदियस्स वि एवं जाव सण्णिपंचिंदियस्स पजतगस्स उक्कोसए जोए असंखेनगुणो।७१८1717 (८६४) दो भंते नेरइया पढमसयोववनग्गा किं समजोगी विसमजोगी गोयमा सिय समजोगी सिय विसपजोगी से केणटेणं भंते एवं बुच्चइ सिय समजोगी सिय विसमजोगी गोयमा आहारयाओ वा से अणाहारए अणाहारयाओ वा से आहारए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अमहिए जइ होणे असंखेज्जइभागहीणे वा संखेज्जइभागहीणे वा संखेनगुणहीणे वा असंखेनगुणहीणे वा अह अमहिए असंखेजइभागमभहिए वा संखेजइभागममहिए या संखेनगुणमाहिए या असंखेनगुणममहिए या से तेणद्वेणं जाव सिव विसमयजोगी एवं जाव वेमाणियाणं ७१९।-718 (८६५) कतिविहे णं भंते जोए पत्रत्ते गोयमा पत्ररसविहे जोए पनत्ते तं जहा-सच्चमणजोए मोसमणजोए सच्चामोसमणजोए असच्चामोसमणजोए सच्चवइजोए मोसवइजोए सच्चामोसवइजोए असच्चामोसवइजोए ओरालियसरीरकायजोए ओरालियमीसासरीरकायजोए येउब्वियसरीरकायजाए वेउब्वियमीसासरीरकायजोए आहारसरीरकायजोए आहारगमीसासरीरकायजोए कम्मासरीरकायजोए एवस्स णं भते पत्ररसविहरस्स जहणुक्कोसगस्स जोगस्स कयो कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा गोयमा सव्यत्योवे कम्मासरीरस्स जहण्णए जोए ओरालियमीसगस्स जहण्णए जोए असंखेजगणे वेउब्बियमीसगस्स जहण्णए जोए असंखेजगणे ओरालियसरीरस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे वेउब्वियसरीरस्स जहण्णए जोए असंखेजगुणे कामासरीरस्स उक्कोसए जोए असंखेनगुणे ओरालियमीसगस्स वेउब्वियमीसगस्स य-एएसि णं उक्कोसए जोए दोण्हवि तुल्ले असंखेजगुणे असच्चामोसमणजोगसस जहण्णए जोए असंखेजगुणे आहारासरीरस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे तिविहस्स मणजोगस्स चउब्विहस्स वइजोगस्स-एएसि धं सत्तण्ह वि तुल्ले जहण्णए जोए असंखेनगुणे आहारसरीरस्स उक्कोसए जोए असंखेनगुणे ओरालियसरीरस्स वेउब्बियरीरस्स चउब्बिहस्स य मणजोगस्स चउब्बिहस्स य वइजोगस्स-एएसि बसण्ह वि तुले उक्कोसए जोए असंखेनगुणे सेवं भंते सेवं भंते ति।७२०1-719 पंचवीसइमे सते पटमो उद्देसो सपत्तो. - बी ओ-उद्दे सो :(८६६) कतिविहाणं भंते दव्या पत्रत्ता गोयमा दुबिहा दव्या पत्रत्ता तं जहा-जीयदव्या य For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514