Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 442
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४३३ सतं-२५, उदेसो-२ अजीवदब्बा य, अजीवदव्या णं भंते कतिविहा पत्रता गोयमा दुविहा पन्नता तं जहारूविअजीवदव्वा य अरूविअजीवदव्या य, [अरूविअजीवदव्या णं भंते कतिविहा पत्रत्ता गोयमा दसविहा पत्रत्ता तं जहा-धम्मत्यिकाए धम्मस्थिकायस्स देसे धम्मस्थिकायस्स पदेसा अधम्मत्यिकाए अधम्मस्थिकायस्स देसे अधम्मस्थिकायस्स पदेसा आमासस्थिकाए आगासस्थिकायस्स देसे आगासस्थिकायस्स पदेसा अद्धासमए, रूविजीवदव्या णं भंते कतिविहा पत्रत्ता गोयमा चउविहा पन्नता तं जहा-खंधा खंधदेसा खंधपदेसा परमाणुपोग्गले ते णं भंते किं संखेज्जा असंखेज़ा अनंता गोयपा नो संखेजा नो असंखेज्जा अनंता से केणतुणं मंते एवं बुच्चइ-नो संखेजा नो असंखेना अनंता गोयमा अनंता परमाणुपोग्गला अनंता दुपदेसिया खंदा जाव अनंता दसपदेसिया खंधा अनंता संखेजपदेसिया खंधा अनंता असंखेज्जपदेसिया खंघा अनंता अनंतपदेसिया खंधा से तेणटेणं गोवमा एवं वुच्चइ-तेणं नो संखेज्जा नो असंखेजा अनंता ।७२१-720 (८६७) जीवदव्या णं मंते किं संखेना असंखेन्ना अनंता गोयमा नो संखेजा नो असंखेजा अनंता से केण?णं भंते एवं बुच्चइ-जीवदव्या णं नो संखेज्जा नो असंखेजा अनंता गोयमा असंखेजा नेरइया जाव असंखेज्जा वाउक्काइया अनंता वणस्सइकाइया असंखेजा बेइंदिया एवं जाव येमाणिया अनंता सिद्धा से तेणद्वेणं जाव अनंता जीवदव्वाणं भंते अजीवदव्वा परिमोगत्ताए हव्यमागच्छंति अजीवदव्वाणं जीवदव्या परिभोगत्ताए हव्यमागच्छति गोयपा जीवदव्याणं अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्दमागच्छति नो अजीवदच्याणं जीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति से केणद्वेणं भंते एवं युच्चइ-जाव हव्यामागच्छंति गोयमा जीवदव्वा णं अजीवदव्चे परियादियंति परियादिइत्ता ओरालियं वेउव्वियं आहारगं तेयगं कम्मगं सोइंदियं जाव फासिदियं मणजोगं वइजोगं कायजोगं आणापाणुत्तं च निच्चत्तयंति से तेणद्वेणं गोयमा जाव हब्बपागच्छति नेरइयाणं भंते अजीवदव्वा परिभोगत्ताए हव्वमागच्छति अजीवदव्वाणं नेरइया परिभोगत्ताए हब्बमागच्छति गोयमा नेरइयाणं अजीवदव्या परिभोगत्ताए हव्यमागच्छंति नो अजीव दव्याणं नेरइया परिभोयत्ताए हब्बमागछंति से केणद्वेणं गोयमा नेरइया अजीवदव्वे परियादिवंति परियादिइत्ता वेउब्धिय-तेयग कम्मगं सोइंदियं जाव फासिदिवं आणापाणुत्तं च निव्वत्तयंति से तेणडेणं गोवमा एवं बुच्चइ-नेरइयाणं अजीवदचा परिभोगताए हव्यमागच्छंति नो अजीवदब्वाणं नेरइया परिभोगत्ताए हब्बमागच्छंति एवं जाव वेमाणिया नवरं-सरीरइंदियजोगा भाणियब्बा जस्स जे अस्थि७२२१-721 (८६८) से नूर्ण भंते असंखेजे लोए अनंताई दवाई आगासे मइयव्याई हंता गोयमा असंखेने लोए जाव भइयव्वाइं लोगस्स णं भंते एगम्मि आगासपदेसे कतिदिसि पोग्गला चिजंति गोयमा निव्वाघाएणं छद्दिसिं वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसि सिय पंचदिसिं लोगस्सणं भंते एगम्मि आगासपदेसे कतिदिसि पोग्गला छिज्जति एवं चेव एवं उवचिजंति एवं अवचिजति २३!-722 (८६९) जीवे णं भंते जाई दब्बाई ओरालियमरीरत्ताए गेण्हइ ताई किं ठियाई गेण्हइ अट्ठियाई गेण्हइ गोयमा ठियाई पि गेण्हइ अट्टियाई पि गेण्हइ ताई मते किं दव्वओ गेण्हइ खेत्तओ गेण्हइ कालओ गेण्हइ भावओ गेण्हइ गोयमा दब्बओ यि गेण्हइ जाव भावओ वि गेण्हइ ताई दव्वओ अनंतपदेसियाई दव्याई खेत्तओ असंखेनपदेसोगाढाई-एवं जहा पनवणाए पढने 528] For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514