Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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મળપ્રયોગપરિણા વિ રમણખોમપરિષણ મોસમળપ્રયોગ સામોસમળપ્રયોગાસણખયો ?, મોય! सच्चमणप्पयोगपरिणए भोसभणप्पयोग० सच्चामोसमणप्५० असच्चामोसमय०, जइ सच्चमणप्पओगप० किं आरंभसच्चमणप्पयो० अणारंभसच्चमणप्पयोगपरि० सारं भससच्चमणप्पयोग० असारं भसच्चमण समारंभसच्चमणध्ययोगपरि० असमारंभसच्चमण-|| प्पयोगपरिणए?, गोयमा! आरंभसच्चमणप्पओगपरिणए वा जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए वा, जइ मोसमणध्ययोगपरिणए| किं आरंभमोसमणप्पयोगपरिणए वा०? एवं जहा सच्चेणं तहा मोसेणवि, एवं सच्चामोसमणप्पओगपरिणएणवि, एवं|| असच्चामोसमणप्पयोगेणवि, जइ वइप्पयोगपरिणए किं सच्च्वइप्पयोगपरिणए मोस्वयप्पयोगपरिण५०? एवं जहा मणप्पयोगपरिणए || तहा वयप्पयोगपरिणएऽवि जाव असमारंभवयप्पयोगपरिणए वा, जइ कायप्पयोगपरिणए किं ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए। ओरालियभीसासरीरकायप्पयो० वेउब्वियसरीरकायय० वेब्विमीसासरीरकायप्पयोगपरिएण आहारगसरीरकायप्पओगपरिणए, आहारगमीसासरीरकायप्स्योगपरिणए?, कम्पासरीरकायथ्यओगपरिणए? गोयमा! ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए वा, जड़ ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए एवं जाव पंचिंदियओरालियजावपरि०?, गोयमा! एगिदियओरालियसरीरकायथ्यओगपरिणए वा बेंदियजावपरिणा वा० पंचिंदियजावपरिणए वा, जड़ एगिंदियओरालियसरीरकायथ्यओगपरिणए किं पुढवीकाझ्यएगिंदियजावपरिणए जाववणस्सइकाइयएगिदियओरालियसरीर॥ ॥ श्रीभगवती सूत्र ॥
[पू. सागरजी म. संशोधित
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