Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 241
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गोयमा! परिमंडलसंठाणपरि वा जाव आययसंठाणपरिणए वा ॥३१२॥ दो भंते! दव्या किं पयोगपरिणया भीसापरिणया|| वीससापरिणया?, गोयमा पओगपरिणया वा मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा, अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसापरिणए अहवेगे पओगए० एगे वीससापरि० अहवा एगे मीसापरिणए एगे वीससापरिणए जइ पओगपरिणया किं मणप्पयोगपरिणया वइप्ययोग० कायप्पयोगपरिणया? गोयमा! मणप्पयो० वइप्पयोगप० कायप्पयोगपरिणयावा अहवेगे मणप्पयोग५० एगे वयप्पयोगपरिणए अहवेगे मणप्प० एगे काय५० अहवेगे वयप्पयोगप० एगे कायप्पओगपरि०, जइ मणप्पयोगप० किं सच्चमणप्पयोग५०?, गोयमा! सच्चमणप्पयोगपरिणया वा जाव असच्चमोसमणप्पयोग५०, अहवा एगे सच्चमणप्पयोगपरिणए एगे मोसमणप्पओगपरिणए अहवा एगे सच्चमणप्पओग५० एगे सच्चामोसम-णपओगपरिणए अहवा एगे सच्चमणप्पयोगपरिणए एगे असच्चामोसमणप्पओगपरिणए| अहवा एगे मोसमणप्पयोग५० एगे सच्चामोसमणप्पयोग५० अहवा एगे मोसमणप्पयोगप० एगे असच्चामोसमणप्पयोगप० अहवा एगे सच्चामोसमणप्पओग५० एगे असच्चामोसमणप्पओग५०, जइ सच्चमणप्पओगप० किं आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणया जाव असमारंभसच्चमणप्पयोग५०?, गोयमा! आरंभसच्चमणप्पयोगपरिणया वा जाव असभारंभसच्चमणप्पयोगपरिणया वा अहवा एगे आरंभसच्चमणप्पयोगप० एगे अणारं भसच्चमणप्पयोग५० एवं एएणं गभएणं दुयसंजोएणं नेयवं, सब्वे संयोगा जत्था जत्तिया उद्रुति ते भाणियव्वा जाव सद्यसिद्धगति, जद मीसाप० किं मणमीसापरि० एवं मीसापरिणयावि, जड़ वीससापरिणया किं वनपरिणया ॥ ॥ श्रीभगवती सूत्र ॥ २३० | पू. सागरजी म. संशोदिया For Private And Personal Use Only

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