Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 7
________________ समर्पण | সিন্ডা qানুন সমুO 3 जिनशासन की सेवा की प्रशस्त प्रेरणा का स्रोत है, जिन्होंने जिनामम के अध्ययनअध्यापन के और प्रचार-प्रसार के लिए प्रबल पुरुषार्थ किया, स्वाध्याय-तप की विस्मृतप्राय प्रथा को सजीव स्वरूप प्रदान करने के लिए 'स्वाध्यायि-संघ' की संस्थापना करके जैन समाज को चिरऋणी बनाया, जो वात्सल्य केवारिधि, करुणा की मूर्ति और विद्वत्ता की विभूति से विभूषित थे, अनेक क्रियाशील स्मारक आज भी जिनके विराट व्यक्तित्व को उजागर कर रहे हैं, उन रवर्गासीन महास्थविर प्रवर्तक मुनि श्री पन्नालालजी म0 के कार-कमलों में सादर समर्पित 9 मधुकर मुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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