Book Title: Adhyatma Kalpadrum
Author(s): Dhanvijaygani, Shivram Tanba Dobe
Publisher: Nirnaysagar Press

View full book text
Previous | Next

Page 58
________________ For Private And Personal Use Only सिद्धरूप ( निरिंद्रिय व शरीर रहित ) एकेंद्रिय तेजस्काय वायुकाय जीव नारक ( पंचेंद्रिययुक्त ) रत्नप्रभादि सात नरकांतील जीव स्थावर पृथिवीकाय अपकाय ह्रींद्रिय [ स्पर्श व रसना यांनी युक्त कृमि संसारी तिर्यक् ( एकेंद्रिय स्पर्शेद्रिययुक्त ) त्रस वनस्पतिकाय देव मनुष्य ( पंचेंद्रिययुक्त ) ( पंचेंद्रिययुक्त ) व्यंतर असुरादि किंनरादि त्रींद्रिय 1 स्पर्श रसना व घ्राण यांनीं माकोडा युक्त भावन भोगभूमिभव कर्मभूमिभव आर्य म्लेच्छ चतुरंद्रिय I स्पर्श रसना घ्राण व चक्षु यांनी युक्त माशी, डांस ज्योतिष्क सूर्यचन्द्रादि कल्प संभूत वैमानिक कल्पातीत पंचेंद्रिय (जलचर स्थलचर व खचर) स्पर्श रसना घ्राण चक्षु व कर्ण यांनी युक्त मत्स्य पशुपक्षी परिशिष्ट. ४९ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

Loading...

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86