Book Title: Adhyatma Kalpadrum
Author(s): Dhanvijaygani, Shivram Tanba Dobe
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 77
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org .org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अध्यात्मकल्पद्रुमाचें द्रव्य अजीव सजीव धर्मास्तिकायादि पांच सिद्ध संसारी स्थावर त्रस r पृथिवीकाय अपकाय वनस्पतिकाय तेजस्काय वायुकाय शरीरी सूक्ष्म बादर द्वींद्रिय त्रींद्रिय चतुरिंद्रिय पंचेंद्रिय पर्याप्त अपयोप्त नारक तिर्यक् नर देव सप्तविध ।। सप्तविध जलचरस्थलचर नभश्वरकर्मभूमिभवअकर्मभूमिभव स्थलचर--- भवनवासी व्यन्तर ज्योतिष्क वैमानिक ( दशविध) (अष्टविध) (पञ्चविध) (द्विविध) भवनवासी देव-असुर-नाग-सुपर्ण-विद्युत्-अग्नि-द्वीप-उदधि-दिक्वात-धनिककुमार. व्यंतर-पिशाच-भूत-यक्ष-राक्षस-किंनर-किंपुरुष-महोरग-गंधर्व, ज्योतिष्क-चंद्र-सूर्य-नक्षत्र-ग्रह-तारागण. For Private And Personal Use Only

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