Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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अभियान शन
नम्बरसति का अंश 417. चत्तारि धम्मदारा पत्रता । 428. चक्षुः सर्वत्रगं शास्त्रम् ।
2719 2720
चा
246. चारित्रं स्थिरतारूपमतः ।
2410
चि
1421
20. चित्तमंतमचित्तं वा। 415. चित्तभित्तिं न निज्झाए ।
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332. चुते हु बाले गब्भातिसु रज्जति ।
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449. चेच्चा सव्वं विसोत्तियं ।
2760
402. छण्णं च पसंसणो करे।
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1415 1421 1423 1423
1423
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6. . जननी जन्मभूमिश्च । 28. जहा पोमं जले जायं । 37.. जयं चरे जयं चिढे । 38. जयणा य धम्म जणणी । 39. जयणा धम्मस्स पालणी चेव । 82. जत्थेवं गन्तुमिच्छेज्जा । 115. जहाकडं कम्मे तहा सि भारे । 116. जस्स धणं तस्स जण। 119. जत्थ मइनाणं तत्थ सुयनाणं । 146. जहा सूइ ससुत्ता। 250. जह जह सुज्झइ सलिल । 283. जदत्थि णं लोगे तं । 337. जरा जाव न पीलेइ । 377. जसं किति सिलोगं च । 412. जहा पुण्णस्स कत्थति । 413. जहा कुक्कुडपोयस्स । 431. जया कम्मं खवित्ताणं ।
1921 1932 1939 1993 2429. 2559 2676 2703
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अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 . 181
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