Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 215
________________ मा 199 273 200 294 315 201 202 316 203 326 204 337 205 339 206 341 207 346 208 धन्य कौन ? धर्मश्रुति दुर्लभ धर्म धर्म कैसा? धर्ममूल धर्माचरण तब तक धर्म ही धन धर्म-पुरुषार्थ धर्म, सर्वस्व धर्म-गुण धर्महीन को धिक्कार धर्मोपदेश दृष्टि धर्म-विरुद्ध वचन-त्याग धर्मद्वार धर्मदेशना धर्म विशुद्धि धर्मरत्न दुर्लभ धर्मानुकूल आजीविका धर्म-मार्ग, दुष्कर 352 357 360 378 209 210 211 212 417 213 426 214 430 215 439 216 444 217 ८7 218 धैर्यवान् 219 79 220 110 221 111 222 233 न प्रिय, न अप्रिय नय नयज्ञ प्रणत नए ज्ञानाभ्यास से तीर्थंकर पद न कपट न झूठ न आरम्भ, न परिग्रह नत, फिरभी ध्वस्त 223 317 224 374 225 454 114 नारकीय जीव दुःखी अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 . 207 -

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