Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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अभियान राजेन्द्र काम
सक्ति का अश 54. तं तु न विज्जइ सज्झं । 239. तं परिण्णाय मेहावी । 363. तं शब्दमात्रेण वदन्ति धर्म ।
1471 2346 2696
240. थय थुइ मंगलेणं नाणं दंसणं ।
2385
249. थोवाहारो थोवभणिओ।
2419
108. दव्वं पज्जव विजुयं। 122. दव्वसुयं जे अणुवउत्तो। 266. दयाइ धम्मो पसिद्धमिणं ।
1889 1949 2189
दा
225. दाहोवसमं तण्हाइ। 265. दानेन महाभोगो, देहिनां । 268. दानेन सत्त्वानि वशीभवन्ति । 269. दाणाण सेहूँ अभयप्पदाणं । 272. दानात्कीतिः सुधाशुभ्रा ।
2242 2489 2490 2490 2499
16. दिव्वमाणुसत्तेरिच्छं ।
1421
1815
87. दुज्जयं चेव अप्पाणं । 114. दुक्खंति दुक्खी इह दुक्कडेण । . 120. दुविहे नाणे पन्नते । 275. दुक्खी दुक्खेणं फुडे । 277. दुक्खी दुक्खं परियादियति । 278. दुक्खी मोहे पुणो पुणो । 284. दुमपत्तए पंडुयए । 287. दुल्लभे खलु माणुसे भवे । 311. दुस्सीलाओ खरो विव । 318. दुविहो उ भावधम्मो। 409. दुव्वसुमुणी अणाणाए ।
1920 1940 2550 2550 255] 2569 2570
2601 + 2667-2669
2712
अभिधान राजेन्द्र कोप में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 . 185
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