Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 199
________________ सूक्ति का अंश 459. मेधावी जाणेज्जा धम्मं । 66. मोक्षहेतुर्यतो योगो । 68. मोक्षेण योजनाद् योगः । 74. यम-नियमाssसन । 196. यत्र ब्रह्म जिनाच च । 257. यत्नादपि परक्लेशं । 424. यस्य त्वनादरः शास्त्रे । 223. या शान्तैकरसा स्वादाद् । 64. योगः कर्मसु कौशलम् । 67. योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः । 70. योगः कल्पतरूः श्रेष्ठो । 320. यः समः सर्वभूतेषु । 192. राईभोयण विरओ । 254. राई सरिसव मित्ताणि । + मो य या यो यः रा 189. रूपे रूपवती दृष्टि । 242. रूहिरकयस्स वत्थस्स रूहिरेण चेव । ल भओ । 161. लज्जा गुणौघ जननीमिव स्वाम । 261. लक्खण पज्जवाणं तु 288. लद्धूण वि माणुसत्ताणं । 289. लद्धूण वि उत्तमं सुई । 391. लद्धे कामे ण पत्थेज्जा । अभियान राजन 4 4 4 + + + + 4 4 4 + + + + + 4 4 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस खण्ड-4 • 191 2764 1618 1625 1638 2202 2456 2720 2241 1613 1621 1634 2669 2199 2433 2182 2401 2092 2463 2570 2570 2705

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