Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
View full book text ________________
सक्ति का अश 360. णो अन्नस्स हेउं ।
+
2694
1420
1420
1421 1423 1634
1814
1891
2172
10. तसे पाणे वियाणित्ता । 12. तवस्सियं किसं दन्तं । 26. तवेण होइ तावसो । 36. तव वुड्डिकरी जयणा । ?l. तथा च जन्मबीजाग्नि । 81. तवनारायजुत्तेणं भेत्तूणं । 110. तम्हा सव्वेवि णया। 179. तमातो ते तमं जंति। 198. तदेव हि तपः कार्य। 206. तवेणं वोयाणं जणयइ । 209. तपश्च त्रिविधं ज्ञेयं । 215. तवसूरा अणगारा। 216. तवसा धुणइ पुराण पावगं । 264. तपसा सर्वाणि सिद्ध्यन्ति । 309. तओ दुसन्नप्पा पन्नत्ता-तं जहा-दुटे। 312. ततो ठाणादं देवे. पीहेज्जा । 463. तम्हा संगं ति पासहा ।।
2202 2205 2205 2207 2207 2489 2600 2607 2766
2183
2199
1
190. तात्त्विकस्य समं पात्रं ।। 193. तापयति अष्ट प्रकारं कर्म इति तपः ।
ति 112. तिव्वाभितावे नराए पडंति । 304. तिण्णो हु सि अन्नवं महं।
+
1917 2573
1
A
382. तुमं तुमंति अमणुण्ण ।
2704
273. ते धन्ना कयपुन्ना।
+
2508
el.
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सृक्ति-सुधारस • खण्ड-4 . 184
-
Loading... Page Navigation 1 ... 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262