Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 194
________________ अभियान राजेन्द्र को 207. देवद्विज गुरुप्राज्ञ । 2205 141. दोहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे । 1988 255. दंसणसम्पन्नयाएणं जीवे । + - 2435 221. दुःखरूपोभवः सर्व । 2227 . 1389 2. द्रव्ययज्ञास्तपोयज्ञाः । 105. द्रव्यपर्यायवियुतं । 1860 . 1420 2202 2463. 2571 2666 2676 11. धम्माणं कासवो मुहं । 194. धनार्थिनां यथा नास्ति । 263. धम्मो अहम्मो आकासं । 296. धम्मंपिह सद्दहंतया । 316. धर्मश्चित्तप्रभवो । 339. धर्मवित्ता हि साधवः । 346. धम्मो ताणं, धम्मो सरणं । 348. धम्मो मंगल मुक्किटुं। 352. धम्मो गुणा अहिंसा । 441. धनदो धनार्थिन धर्मः । 442. धर्मबीजं परं प्राप्य । 444. धम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा । 445. धम्मसदाएणं साया-सोक्खेसु । 2680 2683 2685 2731 2731 2731 2732 357. धिग्धर्मरहितं नरम् । + 2690 1421 15. नवि मुंडिएण समणो । 18. न तं तायन्ति दुस्सीलं । 1421 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 • 186 %- -

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