Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 196
________________ अभियान सजेन्द्र का सलिका अश 279. निविदेज्जा सिलोग पूयणं । 456. निक्खंतं पि तेसिं। 2551 2763 1146 2676 43. नेरइया सुत्ता नो जागरा । 340. नेहलोके सुखं किञ्चिद् । नो 201. नो पूयणं तवसा आवहेज्जा । 213. नो इह लोगट्ठयाए तवमहिढेज्जा । 214. नो कित्तिवण्णसद्दसिलोगट्टयाए । 426. नोपकारो जगत्यस्मिंस्तादृशो । 2204 2206 2206 2720 2018 2552 2672 2672 2672. 2672 2701 . 152. पच्छाणुतावेणं विरज्जमाणे । 281. परदुक्खेण दुक्खिआ विरला । 321. परहित चिन्तामैत्री। 322. परदुःखविनाशिनी। 323. परदोषोपेक्षणमुपेक्षा । 324. परसुखतुष्टिमुदिता । 375. परिग्गहे निविट्ठाणं । 437. परीसहे जिणंतस्स । 438. पच्छावि ते पयाया। पा 113. पावाई कम्माई करेंति रूद्दा ।। 349. पापेनैवार्थ रागान्धः । 350. पादमायान्निधिं कुर्यात् । 419. पापाऽऽमयौषधं शास्त्रं । 452. पाणापाणे किलेसंति । 2725 2725 1917 2683 2683 2720 2761 79. पियं न विज्जई किंचि । + 1813 125. पीयूषमसमुद्रोत्थं । + 1980 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 . 188

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