Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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अभियान राजेन्द्र को
प
1421
1421 + 1887-1899
1898
1989
नम्बरसति का अश 23. न ओंकारेण बंभणो । 24. न मुणी रण्णवासेणं । 107. नत्थि नएहि विहुणं सुतं । 111. नयास्तव स्यात् पदलांछना । 143. न नाणमित्तेण कज्ज निफ्फत्ती । 177. नय वित्तासए परं । 181. नत्थि पुण्णे व पावे वा । 186. न विकाराय विश्वस्योपकारायैव । 212. नऽन्नत्थ निज्जरटुयाए तप महिढेज्जा । 258. न तद्दानं न तद्ध्यानं । 408. न लिप्पति छणपदेण वीरे । +23. न यस्य भक्तिरेतस्मिंस्तस्य ।
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1421
25. नाणेण य मुणी होइ । 121. नाणा फलाभावाओ। 140. नाणं किरियारहियं । 145. नाणसंपन्नेणं जीवे चाउरते । 147. नाण संपन्नयाएणं जीवे । 150. नाणाहियस्स नाणं पुइज्जइ । 172. नाहं पुद्गलभावानां । 368. नाणागमो मच्चुमुहस्स अस्थि । 383. नातिवेलं हसे मुणी ।
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1980
1980
2003
130. निर्वाण पदमप्येकं । 131. निर्भयः शक्रवयोगी । 151. निपानमिव मण्डूकाः । 153. निन्दणयाएणं पच्छाणुतावं जणयइ । 162. नियमाः शौचसन्तोषौ । 175. निव्वएणं दिव्वं माणुस । 256. निस्संकिय निक्कंखिय। 373. निम्ममो निरहंकारो ।
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. अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 • 187
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