Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 04
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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स्थान राजन्न को
2706
397. कुजए अपराजिए जहा । 405. कुसले पुण णो बद्धे णो मुक्के ।
2712
1121
1468
19. कोहा वा जइ वा हासा । 53. को नाम सारहीणं स होई । 226. कोहंमि उ निग्गहिए । 100. कोहं माणं न पत्थए ।
2242
2707
73. किं चान्यद् योगतः स्थैर्य । 88. कि ते जुज्झेण बज्झओ।। 416. किं कयं किं वा सेसं।
1636 1815
2715
305. खेमं च सिवं अणुत्तरं ।
+
2573
77. गतानुगतिकाः प्रायो।
1798
292. गाढा य विवाग कम्मुणो।
+
2570
क
271. गिहिणो वेयावडियं, न कुज्जा ।
+ - 2496
260. गुणाणमासओ दव्वं । 401. गुरुणो छंदाणुवत्तगा।
2463 2707
462. गंथेहिं गढिता णरा।
FF
-
2766
187. ग्रामाऽऽरामादि मोहाय ।
2182
457. घोरे धम्मे ।
2764
234. चउहि ठाणेहिं जीवा तिरिक्ख।
+ 2318 388. चरियाए अप्पमत्तो ।
+ 2704 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-4 • 180.
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