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से संबद्ध रहकर भी वह समूची मानवजाति और प्राणिमात्र का हित-चिंतन कर सकता है। आंखें बहुत छोटे-से स्थान पर होती हैं, पर वे पूरी दुनिया को देखने के लिए सावकाश होती हैं। इसी प्रकार एक संप्रदायविशेष से संबद्ध होकर व्यापक कार्य करने में हमारे सामने कोई कठिनाई नहीं है। तेरापंथ धर्मसंघ यही व्यापक दृष्टिकोण सामने रखकर आगे बढ़ रहा है। इसके कार्यक्रम एक संप्रदाय से संबद्ध होकर भी असांप्रदायिक हैं, व्यापक हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम इसके विकास का अहर्निश प्रयास करें। इसके विकास के साथ हमारा स्वयं का, पूरे धार्मिक जगत का और संपूर्ण मानव-जाति का हित जुड़ा है।
सरदारशहर ३० मई १९६६
- आगे की सुधि लेइ
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