Book Title: Vilasvaikaha
Author(s): Sadharan, R M Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 8
________________ अनुक्रमणिका पृष्ठ १-६६ Mmm ५-२४ २४-२८ २८-३२ ३३-४३ ४४-४७ ४८-५२ प्रस्तावना १. प्रति-परिचय अने संपादन-पद्धति २. ग्रन्थकार-परिचय ३. कथासार ४. समराइच्च-कहा साथे साम्य अने मौलिकता ५. महाकाव्य तरीके मूल्यांकन ६. कथानकोनी पूर्वपरम्परा ७. विलागवई-कहामां देखातां समाजजीवननी रूपरेखा ८. छंदोरचना ९. भाषा अने व्याकरण १०. कहेवतो, रूढिप्रयोगो अने सुभाषितो ११. संदर्भ-ग्रन्थ-चि विलासवई-कहा मूल संधि १. सनत्कुमार-विलासवती समागम , २. विनयंधर-वृत्तांत ३. भिन्न-वहाण ४. विद्याधरी-वृत्तांत ५. विवाह-वियोग ६. विद्या-सिद्धि ७. दुर्मुख-वध ,, ८. अनंगरति-विजय अने राज्याभिषेक ,, ९. विनयंधर-मिलाप ,, १०. जनक-समागम , ११. सनत्कुमार-विलासवती निर्वाण-गमन प्रशस्ति ५६-६१ ६२-६६ १-१९५ १-१६ १७-३१ ४५-५८ ५९-७७ ७८-९६ ९७-११२ ११३-१३४ १३५-१५३ १५४-१७१ १७२-१९४ १९५ १-१९ २०-३५ २०-२२ २२-२४ २४-२६ २६-२७ २७-२९ २९-३० शब्दकोश परिशिष्टो १. व्यक्ति-नामो २. भौगोलिक-नामो ३. वृक्ष-वनस्पति ४. पशु-पक्षी ५. खाद्य-पदार्थों ६. शस्त्रास्त्र ७. वाद्यो ८. जैन पारिभाषिक शब्दो ३० ३०-३५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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