Book Title: Vartaman Chovisi Pooja Vidhan
Author(s): Vrundavandas
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya
View full book text
________________
१५५
-
-
trkakot-tarktetakakakaktettotatutotttttt.
____७० हा श्रानामनाजिनेन्द्राय जन्ममृत्युविनाशनाय जलंनिवपामीति स्वाहा ॥ हरिमलै मिलि केशरसों घसों। जगतनाथ भवातपको नसों॥ जजतु हौं नमिके गुनगायकें । जुपगदांबुज प्रीति लगायकें ॥२॥ ___ ॐ हीं श्रीनमिनाथजिनेन्द्राय भवतापविनाशनाय चंदनं निर्वपामीति स्वाहा ॥ गुलकके सम सुंदर तंदुलं । धरत पुंजसु भुंजत संकुलं । जजतु हौं नसिके गुनगायके। जुगपांदबुज प्रीति लगायकै ॥ ३॥
ॐ हीं श्रीनमिनाथजिनेन्द्राय अक्षयपदसम्प्राप्तये अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा ॥ कमल केतुकी बेलि सुहावनी। समरसूल समस्त नशावनी ॥ जजतु हौं नमिके गुनगायकें । जुगपदांबुज प्रीति लगायक ॥४॥
ॐ ह्रीं श्रीनमिनार्थाजनेन्द्राय कामवाण विध्वंसनाय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा ॥ शशि सुधासम मोदक मोदनं । प्रबल दुष्ट छुधामद खोदनं ॥ | जजतु हौं नमिके गुनगायकें । जुगपदाबुज प्रीति लगायके ॥५॥
BREA ssakastottarktetatistetetstate......26Letes

Page Navigation
1 ... 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177