Book Title: Vartaman Chovisi Pooja Vidhan
Author(s): Vrundavandas
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya
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श्रीनमिनाथपूजा। रोड़क---श्रीनमिनाथजिनेन्द्र नमों विजयारथनंदन।
विख्यादेवी मातु सहज सब पापनिकंदन ॥ अपराजित तजि जये मिथुलपुर वर आनंदन ।
तिन्हें सु थापों यहां विधाकरिके पदबंदन ॥१॥ ॐ हीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र ! अब अवतर अवतर । संवौषट् । ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ । ठः ठः। ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथजिनेन्द्र ! अब मम सन्निहितो भव भव । वषट् ।
अष्टक।
द्रुतविलम्बित। सुरनदीजल उज्जल पावनं । कनकभृग भरों मनभावनं ॥ जजतु हौं नमिके गुनगायके । जुगपदांबुज प्रीति लगायकें ॥१॥

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