Book Title: Vartaman Chovisi Pooja Vidhan
Author(s): Vrundavandas
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

View full book text
Previous | Next

Page 152
________________ % 3D १५४ - tistkaantaktetatistituteketkettratikeketatutet-tekote श्रीनमिनाथपूजा। रोड़क---श्रीनमिनाथजिनेन्द्र नमों विजयारथनंदन। विख्यादेवी मातु सहज सब पापनिकंदन ॥ अपराजित तजि जये मिथुलपुर वर आनंदन । तिन्हें सु थापों यहां विधाकरिके पदबंदन ॥१॥ ॐ हीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र ! अब अवतर अवतर । संवौषट् । ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथ जिनेन्द्र ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ । ठः ठः। ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथजिनेन्द्र ! अब मम सन्निहितो भव भव । वषट् । अष्टक। द्रुतविलम्बित। सुरनदीजल उज्जल पावनं । कनकभृग भरों मनभावनं ॥ जजतु हौं नमिके गुनगायके । जुगपदांबुज प्रीति लगायकें ॥१॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177