Book Title: Vartaman Chovisi Pooja Vidhan
Author(s): Vrundavandas
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 158
________________ घत्तानन्द। さてさささささささささささささささささな太さなさささささささささささ जयजय नमिनाथं, हौ शिवसाथ, औ अनाथके नाथ सदं। तातें शिरनायौ, भगति बढ़ायौ, चिहन चिन्ह शतपत्र पदं ॥ १५ ॥ ___ॐ ह्रीं श्रीनमिनाथजिनेन्द्राय महाघ निर्वपामीति स्वाहा ॥ व दोहा-श्री नमिनाथतने जुगल, चरन जजें जो जीव । सो सुरनरसुख भोगवर, होवै शिवतिय पीव ॥ १६ ॥ इत्याशीर्वादः परिपुष्पाञ्जलिं क्षिपेत् । श्रीनेमिनाथपूजा। छन्द लक्ष्मी, तथा अर्द्धलक्ष्मीधरा । जैति जै जैति जै जैति जै नेमकी, धर्म अवतारदातार श्यौचैनकी। श्रीशिवानंद भौफंद निकन्द ध्यावे, जिन्हें इन्द्र नागेन्द्र ओ मैनकी। पर्मकल्यानके देनहारे तुम्हीं, देव हो एव तातें करौं ऐनकी।

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