Book Title: Tulsi Prajna 2003 01
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 5
________________ प्रकाश और स्वास्थ्य जो धन का संग्रह करते हैं, उसका त्याग नहीं करते, वे प्रकाश की उपेक्षा कर धुएँ को अपने भीतर संचित कर रहे हैं। जो सत्ता का संग्रह करते हैं, उसका त्याग नहीं करते, वे स्वास्थ्य की उपेक्षा कर दूषित वायु को अपने भीतर संचित कर रहे हैं। जीवन का सूत्र है - ग्रहण करो, काम में लो और त्याग दो। जो इस सूत्र से परिचित हैं, उनके जीवन में प्रकाश है, सुख और स्वास्थ्य है। जो केवल लेना जानते हैं, देना नहीं जानते, भोग करना जानते हैं, किन्तु त्याग करना नहीं जानते, उन्हें न प्रकाश प्राप्त है और न स्वास्थ्य। भोग से शौर्य का दीप बुझता है और त्याग से वह प्रज्वलित होता है। भोगसे जीवन का फूल मुरझा जाता है और त्याग से खिलता है। - आचार्य महाप्रज्ञ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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