Book Title: Sukhi Hone ka Upay Part 1 Author(s): Nemichand Patni Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur View full book textPage 4
________________ विषय-सूची २६ से ६७ दो शब्द अपनी बात विषय प्रवेश धर्म एवं धर्म समझने की प्रक्रिया धर्म किसको करना है मैं कौन हूँ धर्म कहाँ होता है अधर्मभाव कहाँ होता है धर्म प्राप्त करने का मार्ग धर्म का स्वरूप क्या है 'वत्थु सहावो धम्मो' वस्तु क्या है सत्द्रव्यलक्षणम् गुणपर्ययवद्रव्यं स्वतंत्रता गुण क्या है ? पर्याय क्या है ? चार अभाव के माध्यम से स्वतंत्रता वस्तु के स्वभाव को धर्म क्यों कहा गया स्वभाव से विपरीत परिणमन करने वाली वस्तुएं कौन-कौनसी हैं? जीव नामक वस्तु का स्वभाव ज्ञान स्वभाव के निर्णय से धर्म की उत्पत्ति स्वचतुष्टय में परचतुष्टय की नास्ति ज्ञान पर्याय स्वपर प्रकाशक है वह कैसे आत्मा के धर्म की प्रगटता ज्ञान का स्वभाव ही स्व के साथ पर को भी जानना है 'वस्थु सहावो धम्मो' विषय का उपसंहार परतंत्रता द्योतक कथन एवं स्पष्टीकरण वस्तु का परिणमन स्वतंत्र हाने पर भी परतंत्रता कैसे ? स्वतंत्र होने पर भी परतंत्र दिखने का कारण क्या? वस्तु व्यवस्था एवं विश्व व्यवस्था ६७ से ११२ For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.orgPage Navigation
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