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६२ : श्रमण, वर्ष ५४, अंक १-३/जनवरी-मार्च २००३
उपरोक्त प्रशस्तिगत छोटी-छोटी गुर्वावलियों के आधार पर जिनभद्रसूरिशाखा के मुनिजनों की एक विस्तृत गुर्वावली संकलित की जा सकती है जो इस प्रकार है:तालिका-१
वर्धमानसूरि जिनेश्वरसूरि 'प्रथम'
जिनचन्द्रसूरि 'प्रथम' अभयदेवसूरि 'नवांगीवृत्तिकार'
जिनवल्लभसूरि
जिनदत्तसूरि जिनचद्रसूरि 'द्वितीय'
जिनपतिसूरि जिनेश्वरसूरि 'द्वितीय'
जिनप्रबोधसूरि जिनचन्द्रसूरि 'तृतीय'
जिनकुशलसूरि जिनपद्मसूरि
जिनलब्धिसूरि जिनचन्द्रसूरि 'चतुर्थ
जिनोदयसूरि जिनराजसूरि जिनभद्रसूरि
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