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सन्दर्भ
जैन आयर्स एण्ड देअर वर्क्स, जैना एण्टीक्वेरी, भाग 37, ने. 2, पृ. 14 एवं डॉ. ए. एन. उपाध्ये |
परमात्मप्रकाश-प्रस्तावना
श्रमण, अक्टूबर-दिसम्बर, १८६२
वही ।
कन्नड प्रान्तीय ताडपत्रीय ग्रन्थसूची, पृ. 17 ।
कतिपय (दि. ) जैन संस्कृत प्राकृत ग्रन्थों पर प्राचीन कन्नड टीकाएँ - पं. के भुजबली शास्त्री, जैन सिद्धान्त भास्कर, भाग 2, किरण 3 दिसम्बर 1935, पृ. 1121 जैना आथर्स एण्ड देअर वर्क्स - डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन, जैना एण्टीक्वेरी, भाग 37, नं. 2, पृ. 141
हस्तलिखित शास्त्रों का परिचय, पृ. 18, प्रकाशक पं. रामचन्द्र जैन, ट्रस्टमंत्री, ऋषभदेव ।
जैन आथर्स एण्ड देअर वर्क्स - जैना एण्टीक्वेरी, भाग 33, नं. 2, पृ. 11 । वही, भाग 34, नं. 2, पृष्ठ 491
षट्प्राभृतादिसंग्रहः, मणिकचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई, वी. नि. सं. 2447 | अष्टपाहुड, शान्तिवीर दिगम्बर जैन संस्थान, महावीरजी, वी. नि. सं. 2494 । राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रन्थसूची, भाग 3, पृ. 1941
9.
10. आचार्य कुन्दकुन्द : व्यक्तित्व एवं कृतित्व - डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल, श्री महावीर ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, पृ. 157।
11. राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रन्थ सूची, भाग 5, पृ. 2191
12. वही ।
13. संवत्सर दश आठ सत सतसठि विक्रमराय ।
मास भाद्रपद शुक्ल तिथि तेरसि पूरन थाय ।।
• अष्टपाहुड (पाण्डुलिपि), पत्र - 206, आचार्य महावीरकीर्ति सरस्वती भवन, राजगिर । 14. अष्टपाहुड, मुनि अनन्तकीर्तिग्रन्थमाला समिति, बम्बई, वी. सं. 2450 1
15. जैनेन्द्र सिद्धान्तकोश भाग - 2, पृ. 323 ।
16. राजस्थान के जैन शास्त्रभण्डारों की ग्रन्थसूची, भाग 5, पृ. 219 1
रिसर्च एसोसिएट, प्राकृत एवं जैनागम विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी ।
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