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40. 1762
श्रावण सुदि 11
वीतरागकल्पलता
प्रतिलेखनप्रशस्ति
वही. क्रमांक 2533 पृ. 129-130
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1764
संग्रहणीप्रकरण
प्रतिलेख नप्रशस्ति
1767
तिथिविहीन
शब्दरत्नाकर
प्रतिलेखनप्रशस्ति
1772
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मार्गशीर्ष वदि 9 अंचलमतदलन- प्रतिलेखनप्रशस्ति
बालावबोध कात्तिक सुदि 5 सिद्धान्तकौमुदी प्रतिलेखनप्रशस्ति मंगलवार मार्गशीर्ष शुक्ल श्रीपालचरित्र प्रतिलेखन की चतुर्दशी
दाता प्रशस्ति आष्टाहिकाधुराख्यान मूलप्रशस्ति [गद्या
पुण्यप्रभसूरि के शिष्य विद्याप्रभसूरि के शिष्य ललितप्रभसूरि के शिष्य विनयप्रभसूरि के शिष्य महिमाप्रभसूरि महिमाप्रभसूरि के भावरत्नसूरि पट्टधर भावरत्नसरि विनयप्रभसूरि के ____भावरत्नसूरि पट्टधर भावरत्नसूरि महिमाप्रभसूरि के मुनिलाल शिष्य मुनिलाल महिमाप्रभसूरि के शिष्य भावप्रभसूरि महिमाप्रभसूरि के शिष्य भावप्रभसूरि भावप्रभसूरि विनयप्रभसूरि के भावप्रभसूरि पट्टधर महिमाप्रभसूरि के पट्टधर भावप्रभसूरि विद्याप्रभसूरि के पट्टधर
भावप्रभसूरि ललितप्रभसूरि के पट्टधर विनयप्रभसूरि के पट्टधर महिमाप्रभसूरि के पट्टधर भावप्रभसूरि भावप्रभसूरि
भावप्रभसूरि
वही, क्रमांक 3077 पृ. 169 वही, क्रमांक 6214 पृ. 403-404 वही, क्रमांक 3247 पृ. 178-179 वही,क्रमांक 5812 पृ. 369 वही, क्रमांक 4206 पृ. 239 वही, क्रमांक 2333 पृ. 117
1781
6.
1781
47. 1782
ज्येष्ठ शुक्ल 5 फाल्गुनचातुर्मासी-
मूलप्रशस्ति
वही, क्रमांक 2326 पृ. 112
व्याख्यान
श्रमण, अक्टूबर-दिसम्बर, १९८२
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48. 1790
माघ वदि 13 बुधवार
द्वादशवतोच्चारविधि
प्रतिलेखनप्रशस्ति
वही, क्रमांक 2424 पृ. 121