Book Title: Sramana 1992 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 80
________________ पी-एच.डी. उपाधि प्राप्त शोधपीठ के दो शोध छात्रों श्री रवीन्द्र कुमार एवं श्री वेंकट श्रीनिवास को एवं शोध छात्रा श्रीमती मंजुला भट्टाचार्या को दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में क्रमशः संस्कृत विभाग एवं दर्शन विभाग, का. हि.वि.वि., वाराणसी द्वारा पी-एच.डी. उपाधि प्रदान की गयी। उनके विषय इस प्रकार है -- (१) डॉ. रवीन्द्र कुमार, शीलदूत एक आलोचनात्मक अध्ययन (२) डॉ. वेंकट श्रीनिवास, जैन एवं वैखानस योग एक आलोचनात्मक अध्ययन (३) डॉ. (श्रीमती) मंजुला भट्टाचार्या, जैनधर्म में ईश्वरवाद की समालोचना शोक-समाचार श्री पुखराजमल एस. लुंकड़ दिवंगत अ.भा. श्वे. स्था. जैन कान्फ्रेंस, दिल्ली के अध्यक्ष एवं भारत जैन महामंडल के मार्गदर्शक मूलतः जलगाँव एवं वर्तमान बम्बई निवासी श्री पुखराजमल एस. लुंकड़ का ७२ वर्ष की आयु में दि. २३ दिसम्बर को प्रातः ८ बजकर ४५ मिनट पर हृदय विकार से अचानक दुःखद निधन हो गया। स्वर्गीय लुंकड़ जी की भावना के अनुसार उनके नेत्रों का दान किया गया और २४ दिसम्बर को सायन विद्युत शवदाह गृह में अन्तिम संस्कार सम्पन्न हुआ। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुलोचनादेवी लुंकड़ ने अत्यन्त धैर्य का परिचय देते हुए किसी प्रकार की रूढ़ि तथा आर्तध्यान को प्रश्रय नहीं दिया। कुछ महीनों पहले स्व. लुंकड़ जी ने सेवाकार्य के लिए ७१ लाख रुपयों का निजी ट्रस्ट स्थापित किया था। वे अत्यन्त उदार, मिलनसार एवं परोपकारी व्यक्ति थे। उनके निधन से समाज की अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजली एवं शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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