Book Title: Silakkhandhavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 398
________________ क - क ] कालवादीति - १०८ करणन्ति - ५३, २७९ करणवचनन्ति - १९२, २७८, ३३३ करणसीलो - २१५, २८६ करणीयन्ति - १५, ३८, १७२ करणीयेन - २९८ करमरानीतो - २०४ करुणाविहारेन - ४३ करुणासीतलहदयन्ति - ३, ६, ७ कल्याणधम्मोति - ६८ कल्याणमित्तोति - ६६ कसतीति - २०५ कसिणज्झानानि - ३०६, ३२९ HI कालुसियभावोति - २७४ काळकं - २२६ किच्चसिद्धि - ३०० किच्छजीवितकरोति - ३४१ किच्छतीति - २७४ कित्तिघोसोति - ३२२ कित्तिसद्दोति - १९० किरियधम्मं - ६२, २७५ किरियाकप्पो - २५८ किलन्ताति - ३०५ किलासुभावो - ४९ किलेसधुननकधम्मा - १६ किलेसवूपसमो - ९५ कुट्ठरोगी - २६७ कुण्डकन्ति - ३१४ कुदण्डकबन्धनन्ति - २८७ कुपितचित्तन्ति - १०७ कुमुदवतिया - १८७ कुम्भदासीकथा - ११४ कुम्मग्गो - २४३ कुसलकिरियं - २५१ कसिणेनाति - ५५, ३२९ कामनीयाति - ३५७ कामयितब्बट्ठेनाति - ३५७ कामरागो - २४४ कामवितक्कं - १८२ कामसञ्ज्ञाति - ३२५ कामसुखल्लिकानुयोगो - १२५ कामस्सादो - ३२१ कामावचरकम्मं - ३६० कामावचरदेवानं - १४० कामूपसहितानीति - २९९ कायगन्थनीवरणलक्खणेन - १७१ कुलन्ति - १४४ कायचित्तानि - २२६ कुसलमूलानि - १८१ कुसलायतनं -७४ कुसलोति - ३३३ कायचित्तं - ५५ कायपरिहारिका - २२५ कायबलं - २२५ कायसक्खिन्ति - २२० कायिकांति - १०१ कायोति - १६४, १७०, १७५, २३२, ३५२ कारणन्ति - ३, ४५, ५४, ६६, १२८, १९१, २९०, कूटट्टोति - १२७ कूटो - २४१, ३०३ कूटं - २३, ९५ केवट्टति - ३४४ केवलपरिपुण्णं - २४ केळनाति - २८० केळिहस्ससुखं - १४० कोटिन्ति - ९० कोटियन्ति - २५१ कोट्ठागारन्ति - २८६ २९१, ३०८, ३११, ३४७ कारानन्ति - २४५ कालन्ति - १४८ कान्ति-४९ Jain Education International नुक्क 13 For Private & Personal Use Only [१३] www.jainelibrary.org

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